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तीन दोस्त एक सच्ची घटना , अलग अलग मुकाम पे प्रसिद्धि
पहला एक ब्रिलियंट स्कॉलर और कॉलेज में हमेसा फर्स्ट रैंक रहने वाला
दूसरा एक औसत दर्जे का पढ़ाकू लेकिन परक्षाएं पास कर अगले क्लास में पहुँच ही जाता था
तीसरा न के बराबर पढ़ने वाला लेकिन अपने उपरोक्त दोनों दोस्तों से एग्जाम टिप्स ले कर किसी तरह पास होजाता था
तीनो पढाई के बाद दोस्ताने में कोई कमी नहीं होती है लेकिन सभी क्या बनते है ये देखिये
पहला आईईएस एग्जाम क्रैक कर इंजीनियर बना और बाद में रेलवे का चीफ बना साथ ही भारत में इंजीनियरिंग की मिशाल क़याम की हर प्रोजेक्ट में एक मील का पत्थर स्टैंड किया
दूसरा जो औसत छात्र था उसने फिजिक्स से ग्रेडुएशन करने के आईएएस एग्जाम क्रैक कर डीएम और विभागीय सचिव बना और सीनियर अधिकारी के तौर पे नियुक्ति वहीँ हुई जहाँ उसका पहला मित्र इंजीनियर था
तीसरा जो सामान्य छात्र था उसने स्कूल छोड़ने के बाद सीधे एक राजनितिक दाल को ज्वाइन किया और सांसद व् मंत्री बना जिस विभाग में उसके दोनों मित्र उसके जूनियर अधिकारी के तौर पे तैनात थे
और ये कोई कपोल कल्पित कथनाक नहीं है इन सभी पूरा देश जनता है
पहला छात्र जिसे आज भारत में सभी लोग जानते है नाम है मेट्रो मैन इ श्रीधरन
दूसरा मुख्या चुनाव आयुक्त टी. एन शेषन जिन्होंने भारतीय चुनाव प्रणाली में क्रन्तिकारी सुधार किये
तीसरे छात्र थे के पि उन्नीकृष्णन जो पांच बार संसद में चुने गए और कई विभागों के मंत्री रहे
तीन दोस्त वही स्कूल वही टीचर लेकिन भाग्य और मेहनत ने सभी को अलग अलग मुकाम पे प्रसिद्धि दी.
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