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उठो जागो क्यूँ सो रहे हो, राष्ट्र का अपमान कैसे सह रहे हो!
भीख कि आजादी ले ली, शहीदों का क्यूँ अपमान किया,
क्यों देशद्रोही बन गए, अपना ईमान कैसे बेच दिया,
पेट नहीं भरा उन पैसों से, राष्ट्र को क्यूँ बेचने चले,
अपनी अस्मिता मिटा कर क्यूँ, विदेशयों के कठपुतली बने,
देशद्रोही आप हो, देशद्रोही मैं हूँ, क्यूंकि हम मौन रहे,
क्या अब भी मौन रहोगे, राष्ट्र का अपमान सहोगे,
छीन लो अपनी आजादी, अपनी संस्कृति का सम्मान करो,
राष्ट्र को बेचने वालों का, राष्ट्रहित में तुम वध करो,
समय है बलिदान का क्या बलिदान नहीं दे पाओगे,
डरते हो अगर मौत से, कायर ही रह जाओगे
चिंगारी जल चुकी है आग तुम्हे लगाना है,
भारत को इंडिया से बचाने, तुम्हे रक्त चढ़ाना है…..
अपने रक्त की आहुति दो, स्वतंत्रता की अग्नि पुन: जल सके
करो अपना जीवन अर्पण, यह भारत भारत बन सके
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उठो जागो क्यूँ सो रहे हो, राष्ट्र का अपमान कैसे सह रहे हो !
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किसको मिली आजादी …???
कल हम अंग्रेजों के गुलाम थे
आज अपनों के गुलाम है …सोंचो ..???
जब रात १२ बजे देश आजाद हुआ था जनता सो रही थी और वो आज भी सो रही है
वर्ना देश की ये हालत न होती ,
आजादी —-वकील ले रहे थे
आजादी —-नेता ले रहे थे
आजादी —-पुलिस ले रही थी
आजादी —पत्रकार ले रहे थे
आज केवल यही चार लोग आजाद है
हम कल भी अँधेरे में थे और आज भी अँधेरे में जी रहे हैं..!!!
बाहर निकलो इस अँधेरे से देर तो हो चुकी है…..हो सकता है रोशनी कभी मिले ही नहीं……..!
जय हिंद जय भारत….वन्दे मातरम……!
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