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रक्त दान कर बचायें लोगों की जान।
14जून को विश्व रक्तदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है । इस दिन कई कार्यक्रम आयोजित कर रक्तदान को लेकर जागरूकता पैदा की जाती है।रक्तदाता दिवस के दिन कई जगहों पर रक्तदान शिविर भी लगाया जाता है जिसमें लोग स्वेच्छा से रक्त दान करते हैं।
रक्त का कोई विकल्प नहीं है यदि किसी व्यक्ति को रक्त की जरूरत पड़ती है तो किसी व्यक्ति के द्वारा दान के रूप में ही रक्त लेकर जरूरत को पूरा किया जा सकता है।रक्त की कोई कीमत नहीं है और ना ही यह बाज़ार में पैसे से उपलब्ध है।अभी भी रक्त दान को लेकर कुछ भ्रांतिया लोगों के मन में है जिसकी वजह से वे रक्त दान करने से कतराते है। उचित जानकारी के अभाव में लोगों को लगता है कि रक्त दान करने से शरीर में कमजोरी आ जाती है,रोग प्रतिरोधक क्षमता खत्म हो जाती है,शरीर में कई प्रकार की दिक्कतें आने लगती हैं ,निकाले गए रक्त की भरपाई में सालों लग जाते हैं जैसी कई गलतफहमी के कारण बहुत से लोग रक्त दान नहीं करते जबकि रक्त दान से अधोलिखित कोई भी समस्या रक्तदाता को नहीं होती है।एक जानकारी के अनुसार रक्त दान करने वाले व्यक्ति को हार्ट अटैक आने का खतरा कम होता है तथा हृदय संबंधी रोग भी अन्य लोगों की तुलना में कम होता है।रक्त की जरूरत कभी भी किसी को हो सकती है इसलिए जरूरी है अधिक से अधिक लोगों को प्रोत्साहित करने की ताकि रक्त दान करने में सभी बढ़चढ़ कर हिस्सा ले। 18 से 65 वर्ष के लोग जिनका वजन 50 किलो से अधिक है रक्त दान कर सकता है। एक बार रक्त दान करने के उपरांत तीन माह बाद रक्त दाता पुनः रक्त दान कर सकता है । सोशल मिडिया ने लोगों को रक्त दान करने को लेकर बहुत जागरूक किया है।फेसबुक ,वाट्सएप जैसे सोशल साइट पर ग्रुप बनाकर लोगों को रक्त दान के लिए प्रेरित किया जा रहा है तथा जरूरतमंद व्यक्तियों के लिए विभिन्न समूहों के रक्तदाता की जानकारी उपलब्ध कराया जा रहा है। स्वेच्छिक रक्तदान से कईयों की जिंदगी बचाई जा सकती है।रक्तदान को लेकर जो भी भ्रांतियां फैली हुई हैं उसे दूर करने के लिए सरकार के साथ साथ आम लोगों को भी पहल करने की आवश्यकता है ताकि अधिक से अधिक लोग रक्तदान को प्रेरित हो और रक्त की कमी से जूझ रहे लोगों को मदद मिल सके तथा जान बच सके।
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