- 39 Posts
- 5 Comments
साइबर अपराधियों से सतर्कता जरूरी ।
विज्ञान वरदान और अभिशाप पर बचपन में सभी ने लेख पढ़े हैं।स्कूली शिक्षा में यह लेख महत्वपूर्ण रूप से पढ़ाई जाती थी ताकि विज्ञान के साकारात्मक और नाकारात्मक पहलू को समझ सकें। आज कम्प्यूटर,मोबाइल,इंटरनेट आदि हमारे जीवन के अभिन्न अंग बन गये हैं। इंटरनेट के उपयोग से हमारी जानकारी जरूर बढ़ी है ,इंटरनेट के माध्यम से देश दुनिया से जुड़ी तमाम जानकारियाँ हम मिनटों में प्राप्त कर लेते हैं।इंटरनेट हमारे दैनिकी जीवन के लिए उपयोगी हो गया है और जानकारी बढ़ाने में इंटरनेट की महत्वपूर्ण भूमिका है।वहीं दूसरी ओर साइबर अपराधी इसका दुरुपयोग कर आम लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं।साइबर अपराध पूरे देश के लिए चुनौती बन गयी है।साइबर अपराधी आम जनों को बैंक अधिकारी बनकर फोन करते हैं और उनके बैंक खाते से संबंधित जानकारी हासिल कर इंटरनेट के माध्यम से अकाउन्ट से पैसा उड़ा लेते हैं। ग्राहकों को सुविधा देने के लिए वविभिन्न बैंक अपने खाताधारको को मोबाइल बैंकिंग,इंटरनेट बैंकिंग,एटीएम जैसी सुविधाएं मुहैया कराते हैं जिसका साइबर अपराधियों द्वारा लोगों को झासा देकर गुप्त पिन प्राप्त कर पैसा उड़ाने के लिए दुरूपयोग किया जा रहा है। आये दिन अखबार में साइबर क्राइम से जुड़ी खबर से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि अपराधियों द्वारा टेक्नोलॉजी का कितना दुरूपयोग किया जा रहा है। साइबर क्राइम के अलावे इंटरनेट पर आनलाइन छेड़छाड़ भी खूब हो रही है।सोशल नेटवर्किंग साइट में लड़कियों की फोटो पर या किसी पोस्ट पर गंदी टिप्पणी करना,किसी महिला को भद्दी तस्वीर भेजना या टेग करना आम समस्या हो गई है इस तरह के अधिक्तर मामले ना तो थाना पहुंच पाता है ना ही न्यायालय।आम नागरिक ऐसे गंभीर मामलों को छोटी बात समझ कर चुप रहने में ही भलाई समझता है क्योंकि पुलिस भी साइबर से जुड़ी समस्याओं में अपने हाथ खड़े कर लेती है।अधिक्तर पुलिस स्टेशन टेक्नोलॉजी के अभाव में अपराधियों पर नकेल नहीं कस पाती ।जरूरत है जागरूकता के साथ साथ पुलिस विभाग को आईटी से जोड़ने की ताकि ऐसे सातिर अपराधी को उसके किए की सजा मिल सके तथा विज्ञान अभिशाप की जगह वरदान साबित हो।
Read Comments