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एनीमिया है गम्भीर समस्या ।

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एनीमिया है गम्भीर समस्या ।

स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं में एनीमिया की समस्या आज देश में बढ़ती जा रही है ।वेसे तो यह जानलेवा बीमारी नही है परन्तु यह कई जानलेवा बीमारियों को आमंत्रित कर सकती है ।एनीमिया मुख्यत:शारीर में खून की कमी को कहा जाता है ।यह समस्या किशोर तथा किशोरियों को अपने गिरफ्त में ले रही है ।सामान्य रूप से 15 से अधिक वर्ष के किशोरियों में हिमोग्लोबिन की मात्रा 12.0 से 15.5 रहनी चाहिए तथा किशोरों में हिमोग्लोबिन की मात्रा 13.5से17.5 रहनी चाहिए । देश में किशोरों की अपेक्षा किशोरियों में एनीमिया की समस्या अधिक है । एक आंकड़े के अनुसार देश की हर तीन महिला में एक महिला एनीमिया से ग्रस्त है ।लगभग 56 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं एनीमिया की शिकार हैं । इस बीमारी की मुख्य वजह बहुत अधिक रक्त स्राव या लाल रक्त कोशिकाओ का नही बनना है । आयरन की कमी को एनीमिया का मुख्य कारन माना जाता है । इस बीमारी से ग्रसित लोगो को थकान ,चक्कर आना ,छाती में दर्द ,बालो का कमजोर होकर टूटना ,सिरदर्द ,पैर दर्द इत्यादि समस्याए होती है ।

सरकार द्वारा आंगनबाड़ी ,उपस्वास्थ्य केंद्र तथा अन्य माध्यम से कई उपाय किये गये हैं लेकिन यह कारगर साबित नही हुआ । ।आयरन की गोली वितरण की बात हो या जागरूकता की बात यह सिर्फ खानापूर्ति बनकर रह गयी है। भारत में हर साल मातृ मृत्यु दर 700 प्रति लाख है जबकि शिशु मृत्यु दर 120 प्रति हजार है ।आकड़ो से पता चलता है कि आयरन सप्लीमेंट की आवश्यकता कितनी अधिक है । महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग मिलकर इस समस्या के समाधान के लिए आवश्यक पहल करे ताकि इस जटिल समस्या से निजात मिल सके । एनीमिया से ग्रस्त महिलाओ द्वारा जन्मित बच्चे भी एनीमिया ग्रस्त हो जाते हैं तथा जन्म के समय बच्चे का वजन भी बहुत कम रहता है ।

वुश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व की कुल आबादी का छठा हिस्सा एनिमिया से ग्रस्त है । सरकार अगर व्यापक स्तर पर इस समस्या के समाधान के पक्ष में काम करे तो कुछ वर्षो में एनीमिया ग्रस्त लोगो की संख्या में कमी आ सकती है ।

प्रताप तिवारी

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