- 39 Posts
- 5 Comments
चुनाव लड़ने के लिए निर्धारित हो शेक्षणिक योग्यता ।
आज देश के राजनीति के गिरते स्तर को देखकर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि नेताओ के लिए भी न्यूनतम योग्यता निर्धारित होना कितना आवश्यक है । लोकतंत्र में जनता को अपना नेता चुनने का अधिकार जरुर प्राप्त है परन्तु आज भी देश में योग्य नेताओ की कमी है । किसी चपरासी या चतुर्थवर्गीय कर्मचारी की नियुक्ति के लिए भी योग्यता की जरूरत होती है ।मामूली सी नोकरी प्राप्त करने के लिए शेक्षणिक योग्यता के साथ साथ कई तरह की परीक्षाएंपास करनी पडती है लेकिन देश में नेता बनने के लिए 25 वर्ष आयु के साथ साथ देश का नागरिक होना चाहिए और इतनी ही योग्यता के साथ कोई भी चुनाव जीत कर नेता बन सकता है ।ऐसे में देश की स्थिति में सुधार की उम्मीद बेकार है ।आज आम जन कई तरह की समस्याओ से झुझ रहा है इन समस्याओ के समाधान के लिए पढ़े लिखे योग्य नेतृत्त्व् कर्ता की आवयश्कता है । हाल ही में हरियाणा सरकार द्वारा पंचायत चुनाव लड़ने के लिए शेक्षणिक योग्यता की अनिवार्यता के फेसले को ो सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी है ।अगले वर्ष जनवरी में होने वाले हरियाणा पंचायत चुनाव में सामान्य श्रेणी के पुरुष प्रत्याशियों के लिए दसवी पास होना अनिवार्य तथा सामान्य श्रेणी की महिला प्रत्याशियों एवं अनुसूचित जाति के प्रत्याशियों के लिए आठवी पास होना जरुरी है ।हरियाणा से पूर्व राजस्थान में भी पिछले वर्ष राजस्थान सरकार ने राजस्थान पंचायती राज कानून 1994 में संसोधन कर जिला परिषद तथा पंचायत समिति सदस्यों के उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम दसवी पास होना अनिवार्य तथा सरपंच के लिए आठवी पास होना एवं अनुसूचित क्षेत्रो केप्रत्याशियों के लिए पांचवी पास होना अनिवार्य किया गया था ।राजस्थान तथा हरियाणा की तर्ज पर अन्य राज्यों में भी चुनाव लड़ने के लिए योग्यता निर्धारण की आवश्यकता है ।नेताओ के लिए भी न्यूनतम शेक्षणिक योग्यता निर्धारित होने से निश्चित रूप से लोक सभा ,विधान सभा तथा निकाय चुनावो में योग्य उम्मीदवार ही जीतकर जायेंगे ।
हमारा देश विश्व का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है और लोकतंत्र में सबको चुनाव लड़ने तथा मताधिकार का प्रयोग करना मोलिक अधिकार है लेकिन समय के साथ कुछ परिवर्तन की आवश्यकता है ।आज जिस प्रकार राजनीतिमें धनबल ,बहुबल ,जातिगत भावना ,धार्मिक उन्माद इत्यादि बढ़ रहा है । मुद्दों से जायदा निजी जिंदगी तथा एक दुसरे पर आरोप प्रत्यारोप की बातें जायदा हो रही हैं ऐसे में जरूरी बदलाव आवश्यक है ।
Read Comments