Pradeep
- 59 Posts
- 118 Comments
कल थोड़ी हिम्मत जुटाई थी, तुमसे एक बात कहने के लिए,
तुम मगर मसरूफ थी, काम तुमको भी बहुत था|
मैं कोशिश करता भी मगर,
तुम सफर में थी, गाड़ी में शोर बहुत था|
अभी दिल में छुपाकर रख ली वो बात, वक़्त मिला तो कहूँगा,
तब तलक जैसे चुप रहा हूँ, कुछ और दिन फिर चुप रहूँगा|
Read Comments