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देश में हो रही है घोटालों की भरमार

Contemporary Thoughts
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देश में हो रही है घोटालों की भरमार, 😈
जनता हो रही है भ्रष्ट व्यवस्था की शिकार |

               

घोटालों की वैसे तो है परम्परा पुरानी,
अब तो घोटालों ने रिकोर्ड तोड़ने की ठानी,
देश के खजाने को हो रही है भारी हानि, 👿
भ्रष्टाचार की लिखी जा रही है एक नई कहानी,
जनता की नहीं सुनी जा रही कोई पुकार,
देश में हो रही है घोटालों की भरमार |

                          

कभी आदर्श, कभी कॉमनवेल्थ, कभी स्पेक्ट्रम घोटाला,
कोयले ने तो देश की साख को ही किया काला,
इन घोटालों को भ्रष्ट राजनीती ने है पाला,
कैग ने उतारा है आँखों से सबकी जाला, 😯
कैग जैसी संस्थाओं की देश को है दरकार,
देश में हो रही है घोटालों की भरमार |

                

कैसी है ये ईमानदारी ? कैसी है ये लाचारी ? 😐
प्राकृतिक सम्पदा लूटने की बड़ी है मारामारी,
निजी स्वार्थ पड़ रहे हैं राष्ट्रहित पर भारी,
राजनीति और भ्रष्टाचार की हो गई है यारी,
व्यवस्था हो रही है दागदार और बीमार,
देश में हो रही है घोटालों की भरमार |

                         

भ्रष्टाचार का देश में फ़ैल रहा है जाल,
घोटालों से उठ रहे हैं नए नए सवाल,
कुछ लोग हो रहे हैं खूब मालामाल, 😛
जनता हो रही है कंगाल और तंगहाल, 🙁
महंगाई की जनता पर है जबरदस्त मार,
देश में हो रही है घोटालों की भरमार |

                        

सुप्रीम कोर्ट जनता के प्रति कर्तव्य निभाए,
सबूतों की सीमा में वह भी बंध जाये,
जन आन्दोलन जनता को जागरूक बनायें,
पर घोटालों का कारोबार रुक न पाये, 😡
जल्द आना चाहिए इस स्थिति में सुधार,
देश में हो रही है घोटालों की भरमार |

              

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