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सबसे सस्ता है इन्सान

general dibba
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कल १५ अगस्त है
घर पर आयेंगे कुछ मेहमान
खायेगें-पीयेगें,मनायेंगें छुट्टी
ढूढ्ने पहुँच गई सस्ती सब्जी
एक-प्याज़- दस-रुपये का
एक-किलो सब्ज़ी बीस रुपये की
कद्दू-भिन्डी,घिया-तोरई या साग
सभी के दाम बडे हुये हैं ज़नाब
इधर ज़रा सी वारिश क्या आई
सभी पर बरसने लगी मंहगाई
अखबार में कल पढी ये खबर
सस्ता है सेब मंहगा है प्याज़
सेब ही खाओ सस्ता है जनाब
सबसे सस्ता है आज का इन्सान
इसे जैसा चाहों वैसे बनाओ (बेवकूफ-मतदाता या कुछ भी)
सब कुछ सहता है,चुप रहता है
काटो,भूनो या फिर पकाओ
तरत-तरह के व्यंज़न बनाओ
खुद खाओ, यारों को खिलाओ
मिल बांट कर दावत उडाऒ
कोई नहीं पूछेगा,कौन मर गया?
आज़ादी की शाम
सबसे सस्ता है मन्डी में इन्सान

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