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कोरोना महामारी आज एक वैश्विक संकट के रूप में हमारे सामने खड़ी है | इस संकट से दुनिया के साथ भारत भी अत्यधिक प्रभावित है| प्रभाव इतना विकराल है कि वर्तमान समय में उसका ठीक-ठाक अनुमान लगा पाना भी | संभव नहीं है| इसमें ना केवल अर्थ जगत और ना केवल मानव स्वास्थ्य को प्रभावित किया है अपितु समाज के प्रत्येक क्षेत्र शिक्षा, सामाजिक जीवन, कला, खेलकूद ,राजनीतिस को प्रभावित किया है!
देश समाज और मानवता पर विकराल प्रभाव के बावजूद यह संकट भारत के लिए एक अनायास उत्पन्न शुभ अवसर भी हो सकता है| भारतीय समाज राजनीति अर्थव्यवस्था शिक्षा और स्वास्थ्य पर इसके कई सारे सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं|कोरोना संकट ने आज भारतीय संस्कृति को ना केवल भारतीयों के मध्य बल्कि दुनिया में लोकप्रिय बनाया है| आज दुनिया भारत को अधिक सम्मान से देख रही है पश्चिमी संस्कृति के हस्त मिलाप का स्थान नमस्ते ने ले लिया है|भारतीय एक बार पुनः अपने पारिवारिक मूल्यों को अपनाने लगे हैं| भारतीय योग और आयुर्वेद का आज दुनिया में महत्व बढ़ा है| सभी वैज्ञानिक जब तक कोरोना का कमाने की लाज नहीं ढूंढ पाते तब तक रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के अलावा कोई उपाय नहीं है और योग तथा आयुर्वेद इसी सूत्र पर आधारित है|
130 करोड़ की आबादी में पूर्णा संक्रमण को रोकने मैं जहां राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ भारतीय आम नागरिक का अनुशासन की जबरदस्त रहा है| दुनिया के लिए आम भारतीय का यह आत्मानुशासन एक सुखद आश्चर्य से कम नहीं है क्योंकि कई हित समूह और मीडिया कवरेज ने दुनिया के सामने आम भारतीय की छवि को अनियंत्रित, भीड़तंत्र, स्वार्थी, और झगड़ालू के रूप में स्थापित करने का व्यास किया गयाथा| इस संकट ने आम भारतीय की वह छवि बदल दी है तथा दुनिया को बता दिया कि संकट और चुनौती में आम भारतीय किस प्रकार अनुशासित हो सकता है|
सामाजिक जीवन में भारतीय समाज में घृणा की दृष्टि से देखे जाने वाले सरकारी कर्मचारियों ने जिस निष्ठा और समर्पण से समाज की सेवा की है उससे समाज में इनके प्रति सम्मान का भाव पैदा हुआ है|विशेष रुप से पुलिस और चिकित्सा से जुड़े लोगों ने सराहनीय कार्य किया है और समाज ने भी इन्हें कोरोना योद्धा के रूप में सम्मानित किया है| यह सम्मान आगामी भविष्य में उनका मनोबल बढ़ता रहेगा और इन्हें समाज के प्रति इसी निष्ठा और समर्पण से सेवा के लिए प्रेरित करता रहेगा|
आर्थिक रूप से इस महामारी ने भारत में समाज के सभी वर्गों को आर्थिक नुकसान दिया है और इस नुकसान का वर्तमान में अनुमान लगा पाना ही मुश्किल है| फिर भी भारतीय अर्थव्यवस्था कृषि प्रधान होने के कारण इसके जल्दी ठीक होने की संभावना है| दुनिया में चीन द्वारा कोरोना फैलाने के आरोप व आशंका के चलते दुनिया के कई देश चीन से दूरी बनाते हुए अपने कंपनियों को चीन से भारत में लाना चाहते हैं जो भारत में रोजगार के नए अवसर लाएगा| साथ ही यह संकट भारतीय दवा कंपनियों के लिए एक अवसर है|
अंत में भारत द्वारा कोरोना को रोकने के साथ ही दुनिया की मदद करने से दुनिया भारत को अधिक सम्मान से देख रही है| साथ ही भारत जल्द ही चीन का स्थान ले सकता है क्योंकि आज दुनिया के कई देश चीन को इस संकट का जिम्मेदार मान रहे हैं| इस प्रकार यदि समुचित प्रयास और कार्य योजना बनाकर कार्य किया जाए तो यह संकट भारत के लिए एक स्वर्णिम अवसर भी हो सकता है।
नोट : ये लेखक के निजी विचार हैं और इसके लिए वह स्वयं उत्तरदायी हैं।
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