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अगर शिवनेत्र खुल गया तो ?
भगवान् शंकर पर दूध और पानी चढ़ाने से ही अगर कोई व्यक्ति पीएम बन सकता होता तो आज देश में कोई स्त्री विधवा न होती और न कोई भूखा मरता और न कोई बेरोजगार ही होता ?शिवमंदिर में राजनीतिक दलीय पुजारी होने का दावा करते भविष्यंभावी पीएम कामना रखने वाले नेतापक्ष के प्रमुख माननीय ने एक अन्य शिवभक्त माननीय द्वारा नोटबंदी जीएसटी लाकर भारतीय अर्थव्यवस्था बर्बाद करने का आरोप लगाया /उधर एक अन्य शिवभक्त माननीय पिछले चार वर्षों से भारतीय अर्थव्यवस्था को चौपट और देश को बीमार बताने का दावा करते रहे हैं लेकिन सत्तर सालों की बीमारी को ठीक दुरुस्त चुस्त करने की जिम्मेदारी जिस व्यक्ति को सौंपी है उसकी योग्यता दक्षता को सिद्ध करने का भी कोई ठोस आधार नहीं बता सके ?कौरव पांडव युद्ध में पृथ्वी पुरुषविहीन हो गयी थी और वर्णसंकरता परिणाम रहा तो क्या यही राजनेताओं की अभिलाषा है?महामानव शिवभक्त राजनेता यह भूल गये कि महाभारत समाप्त होने के बाद पांडवों को भगवान् शंकर से मिले सारे वरदान शस्त्र अस्त्र अर्थविहीन हो गये थे और द्वारिका से वापिस लौटते समय गांडीवधारी अर्जुन की भीलों ने जमकर धुनाई भी की थी /स्वार्थी सत्तालोलुप कलुषित भ्रष्ट राजनीतिक परिवेश में भगवान् शंकर को घसीटना क्या वाकई कोई प्रासंगिक मूल्य रखता है और इनके आवाह्न पर अगर भगवान् आशुतोष ने अपना तीसरा नेत्र खोल दिया तो क्या भारत तांडव देखने की स्थिति में है?रिश्वत देना जहाँ एक मजबूरी हो और रिश्वतखोरी बंद होने का दावा भी साथ साथ हो तो सच्चाई का वास्तविक पक्षकार कौन है ?
रचना रस्तोगी
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