- 178 Posts
- 240 Comments
लोकतंत्र के मगरमच्छ
खाने पीने का शौक़ीन मगरमच्छ भरपेट खाने के बाद भी भूखा ही रहता है/लगभग छः दशक पहले मार्टिन लूथर किंग ने कहा था कि किसी भी समाज और देश की प्रगति के लिये उसके प्रत्येक व्यक्ति,प्रत्येक अंग और प्रत्येक संगठन का साथ जरुरी है /पीएनबी प्रकरण पर राहुल गाँधी बोले कि कोई भी भ्रष्टाचार राजनीतिक संरक्षण के बगैर संभव नहीं जिससे उनके मन मस्तिष्क चित्त के साफ़ होने का प्रमाण मिलता है यहाँ साफ़ का अर्थ केवल निर्मलता से ही है और कुछ दिन पहले अखिलेश यादव ने कहा कि “कमाई एवं धन” काला सफ़ेद नहीं होता /चचा शिवपाल ने तो अपने अधीनस्थ विभागीय सरकारी अधिकारीयों को आटे में नमक के बराबर रिश्वत खाने की बात कही थी /”ओवैसी” के भारत के संविधान पर विश्वास पर तो पूरा देश गर्व करता है /मोदीजी के कन्धों पर भारत के भविष्य निर्माण की जिम्मेदारी है तो राहुल गाँधी, अखिलेश यादव,ओवैसी को अपने मंत्रिमंडल में रखने से ही “सबका साथ सबका विकास” मन्त्र सिद्ध होता /उज्ज्वला योजना केवल गरीब घरों में मुफ्त गैस कनेक्शन देना नहीं बल्कि भारत के भविष्य को भी उज्जवल बनाना है/1989 से पहले मेडिकल शिक्षा में इंटर्नशिप के बाद हॉउस जॉब हुआ करता था ताकि मेडिकल स्टूडेंट उस विषय का प्रारंभिक ज्ञान प्राप्त कर सके तो राहुल अखिलेश का भी हॉउसजॉब कराने से देश का भविष्य बिगड़ता नहीं आखिरकार मोदीजी भी को एक दिन रिटायर होना ही है /राजीव गाँधी ने भी तो स्वामीजी का मंत्री बनाया था और इंदिरा ने अटलजी को यूएन में भाषण देने को भेजा था /भारत की प्रतिभा इसलिए तो प्रसिद्द है कि “काजल की कोठरी” में रगड़ रगड़ कर घूम आने के बाद भी मंत्रीजी ईमानदार बने रहते हैं /राष्ट्रोदय तभी संभव है जब सभी राजनीतिक व मीडिया घरानों और एनजीओ की सारी चल अचल संपत्ति तुरंत जब्त कर ली जाय क्योंकि असली मगरमच्छ तो यही हैं /
रचना रस्तोगी
Read Comments