Menu
blogid : 25582 postid : 1338796

लालू हैं कि सुधरते ही नहीं

ragehulk
ragehulk
  • 33 Posts
  • 8 Comments

लालू और उनके परिजनों पर लगे भ्रष्टाचार और बेनामी संपत्ति के आरोपों से साबित होता है कि लालू जी ने अपने इतिहास से कुछ सबक नहीं लिया। 10 साल तक सत्ता से बाहर और जेल के अनगिनत चक्कर लगाने के बाद भी लालू जी की अवैध धन कमाने कि इच्छा ख़त्म नहीं हुई है। लालू जी के बच्चों पर भी उनका पूर्ण प्रभाव पड़ा है और उनके दोनों बेटो, दो बेटियों व उनकी पत्नी पर भी भ्रष्टाचार और अवैध संपत्ति बनाने के आरोप लगे है।

Lalu Yadav

लगभग 1000 करोड़ के इस मामले में आयकर विभाग ने पिछले महीने इनके दिल्ली और मुंबई के २२ ठिकानों पर छापा मारा था। राज्यसभा सांसद मीसा भारती और उनके पति शैलेश कुमार को इन संपत्तियों के श्रोत के बारे में बताने के लिए 6 जून को बुलाया था। दोनों ही इन तिथियों पर नहीं गए, जिसके फलस्वरूप आयकर विभाग ने इन पर 10 हज़ार का जुर्माना लगाया था।

लालू परिवार पर आरोप है कि उन्होंने इन संपत्तियों का मूल्य कम दर्शा कर टैक्स चोरी की है तथा ये सभी संपत्तियां अवैध पैसे से बनायी गयी हैं। आयकर विभाग ने अंतत: देश में पास हुए नए बेनामी संपत्ति एक्ट के तहत कार्यवाई करते हुए लालू परिवार की दिल्ली और बिहार की सारी अवैध संपत्ति अटैच करने का नोटिस भेज दिया है। अगर ९० दिन के अंदर लालू परिवार कोई जवाब नहीं देता है, तो उसकी ये सारी सपत्ति जब्त कर ली जायेगी।

बेनामी संपत्ति कानून के तहत दोषी पाए जाने पर सात साल की सजा और भारी भरकम जुर्माने का प्रावधान है। २१ साल पुराने चारा घोटाले में लालू पहले ही जेल हो आये हैं और अब रेलवे टेंडर घोटाले के साथ-साथ बेनामी संपत्ति मामले में भी अपने परिवार के साथ जेल यात्रा की तैयारी कर चुके हैं। जांच एजेंसीज को लालू परिवार के खिलाफ ठोस सबूत मिल चुके हैं और जल्द ही इनकी एक-एक करके गिरफ्तारी होने लगेगी।

सीबीआई ने लालू के खिलाफ आईपीसी की धारा १२० बी और धारा ४२० यानी की आपराधिक साज़िश रचने और फर्जीवाड़ा करने का केस दर्ज किया है। इसके तहत देश के विभिन्न शहरों में लालू के १२ ठिकानों पर सीबीआई ने छापे मारे हैं। इस मामले में लालू के साथ राबड़ी और तेजस्वी यादव, irctc के तत्कालीन मैनेजिंग डायरेक्टर पीके गोयल, लालू के करीबी प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता तथा सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर विनय ,विजय कोचर के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।

इससे पहले सरकार बनते ही लालू ने बिहार में जंगल राज की पुनर्स्थापना करने की भी पूरी कोशिश की। सत्ता में आते ही लालू ने पुराने साथी सहाबुद्दीन को राहत दिलवाने की पूरी कोशिश की और लालू के चुनावी क्षेत्र राघोपुर जहां से अब तेजस्वी यादव विधायक हैं, LJP के नेता बृजनाथी सिंह की भी हत्या दिनदहाड़े कर दी गयी थी। इसी तरह एक निर्माण कंपनी के दो इंजीनियरों को भी रंगदारी के चक्कर में गोलियों से भून दिया गया था।

उपरोक्त घटनाओं से ये साबित होता है कि लालू यादव ने भूतकाल की अपनी गलतियों से बिलकुल सबक नहीं लिया और वह अपने पुराने ढर्रे पर कायम हैं। लेकिन इस बार उन्होंने अपने पाप कर्म में अपने परिवार को भी भागीदार बना लिया है। लगता है लालू के पाप का घड़ा अब फूटने के ही कगार पर है। ये सब देखकर यही लगता है कि “लालू हैं कि सुधरते ही नहीं”.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh