Menu
blogid : 4642 postid : 103

मुलायम की कठोरता के निहितार्थ

anurag
anurag
  • 70 Posts
  • 60 Comments
Mulayam-Singhपिछले कुछ दिनों से राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था पर सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की तल्ख़ टिप्पणी लगातार सुनने को मिल रही है। कभी वे पार्टी के बैठक में तो कभी खुले मंच से मुख्यमंत्री अखिलेश को लगातार ये नसीहत दे रहे हैं कि प्रशासनिक व्यवस्था में काफी गड़बड़ी है जिसमें सुधार की आवश्यकता है। दरअसल सपा प्रमुख एक ही प्रशासनिक अधिकारी को कई विभाग दिये जाने से नाराज बताये जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार सपा प्रमुख पंचम तल के भी कुछ अधिकारियों की कार्यप्रणाली से काफी ज्यादा नाराज है। ऐसी स्थिति में आने वाले कुछ ही दिनों में राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था में भारी फेरबदल हो तो उसमे कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। स्वयं मुख्यमंत्री अखिलेश ने भी सार्वजानिक रूप से ये स्वीकार किया है कि जल्दी ही प्रशासनिक व्यवस्था में काफी बड़ा बदलाव किया जायेगा। सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार इस बदलाव में सबसे ज्यादा निशाने पर वे अधिकारी रहेंगे जो पूर्ववर्ती माया सरकार में मलाईदार पद पर थे और इस सरकार में भी जोड़ तोड़ की राजनीति से मलाईदार पद पर बने हुए हैं। इसके अतिरिक्त सत्ता के केंद्र पंचम तल के अधिकारियों के भी कुछ नाम हैं जो सरकार के निशाने पर आ सकते हैं।
अहम् सवाल है कि आखिर ऐसी स्थिति क्यों आ पड़ी कि स्वयं सपा प्रमुख को सार्वजानिक रूप से राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था पर तल्ख़ टिप्पणी करनी पड़ी और युवा मुख्यमंत्री को निर्देशित करना पड़ा कि वो बड़े स्तर पर फेरबदल करें ?
वास्तव में ये भ्रष्ट नौकरशाही बनाम भ्रष्ट राजनीति की अघोषित जंग का नतीजा है जिसमें सत्ता में बैठे कुछ अधिकारी पूरी सत्ता को ही अपने इशारों पर नचाने लगते हैं और पहली बार मुख्यमंत्री के पद पर बैठा व्यक्ति नौकरशाही के इस खेल को नहीं समझ पाता। समझा जाता है कि ऐसा ही कुछ युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ हो रहा है जिनकी राजनैतिक अपरिपक्वता का फ़ायदा उठाते हुए कुछ लोग उनकी आँखों के सामने एक ऐसे प्रदेश की तस्वीर पेश कर रहे है जहाँ सब कुछ अपनी जगह पर सही है। भ्रष्ट नौकरशाही के इस खेल को वही समझ सकता है जो राजनैतिक रूप से पूरी तरह परिपक्व हो और इस लिहाज से सपा प्रमुख पूरी तरह से फिट हैं। उन्हें इस खेल का हर दांव पेंच मालूम है इसीलिए बेटे की सत्ता पर लगातार ढीली होती पकड़ के चलते उन्हें बार बार अखिलेश को चेताना पड़ रहा है कि बस बहुत हो चुका अब संभल जाओं वर्ना सब कुछ तुम्हारे हाथ से निकल जायेगा, पर युवा मुख्यमंत्री के कानो में बार-बार की चेतावनी के बाद भी कोई जूं नहीं रेंग रही। चर्चा है कि मुख्यमन्त्री सत्ता के मद में कुछ इस तरह चूर हो चुके बताये जाते हैं कि उनको वही सही लग रहा है जो उनके आस पास बैठे कुछ भ्रष्ट अधिकारी उन्हें बता रहे हैं।
हालांकि सपा प्रमुख की नाराजगी का एक कारण ये भी समझा जा रहा है कि उन्हें अब लोकसभा चुनाव 2014 हाथ से जाता दिख रहा है। लोकसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है लगभग एक साल के अन्दर ही चुनाव होने हैं लेकिन अभी तक सरकार के खाते में कोई भी ऐसी उपलब्धि नहीं जुड़ी है जिसे सपा 2014 के लोकसभा चुनाव में भुना सके। बेलगाम नौकशाही का आलम ये है कि युवा मुख्यमंत्री लगातार प्रदेश के विकास से जुडी घोषणायें करते जा रहे हैं पर उन घोषणाओं को जमीनी रूप देने में नौकरशाह बिलकुल भी रूचि नहीं दिखा रही है। मुख्यमंत्री की अभी तक की ज्यादातर घोषणाएं सिर्फ हवाई पुलिंदा बनकर रह गयी हैं जो कब पूरी होंगी इसके बारे में किसी को भी नहीं पता है। इसके अतिरिक्त जिले से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय में बैठे अधिकारी सपा कार्यकर्ताओं की बातों को नहीं सुन रहे हैं जिसकी सूचना सपा प्रमुख को लगातार मिल रही है, यही वो कारण है कि अब सपा प्रमुख राज्य की नौकरशाही में बड़ा फेरबदल चाहते हैं। पर उनकी ये चाहत कितना रंग लाएगी ये तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh