Ghazel Ke Bahane, Desh Ke Tarane
- 24 Posts
- 6 Comments
सभी गुणों के स्वामी हैं ये, विद्या के भंडार.
नमन है आपको बारम्बार||
ब्रम्ह रूप हैं विष्णु रूप हैं, रूद्र रूप भी पाए हैं |
गवां के अपना शीश पुराना गज़ रूप में आये हैं |
हैं गजवदन कहाने वाले, महिमा अगम अपार || नमन…
विश्व विधायक बुध्दि विधाता, वक्रतुंड कहलाते हैं,
तिलक त्रिपुंड भाल पे राजे, सुरगण निरखि अघाते हैं ||
स्वर्ण मुकुट मुक्तन मणि माला, अजब सजा श्रृंगार || नमन…
पीताम्बर तन नयन विशाला ,चरणपावुका राजे |
गौरी ललन षडानन भ्राता, शिव की गोंद विराजे |
पुस्तक पाणि त्रिशूल शोहे कर,धारण किये कुठार || नमन…
ऋध्दि-सिध्दि चंवर डुलाती, मूसक बाहन सोहै |
विन्धेश्वर जय हे लम्बोदर, मोदक प्रिय मन मोहै,
“मधुकर” अलख जगायादर पे; आरत स्वर से पुकार || नमन…
Read Comments