Menu
blogid : 23144 postid : 1355546

देवी गीत लोक GEET

Ghazel Ke Bahane, Desh Ke Tarane
Ghazel Ke Bahane, Desh Ke Tarane
  • 24 Posts
  • 6 Comments

नाहीं जानें काहे के भुलायलू , दरसावा ना देहलू हे मइया || टेक ||
सुबह शाम करत बितई तोहरी भजनियाँ ;
इहाँ उहा घूमि फिर गाई कीर्तनियाँ |दरसवा ……
रचिको दया नहीँ कइलू, दरसवा ना देहलू हे मईया || टेक ||
अगरबत्ती हार फूल तोहका चढ़ाई ;
दियना जलाई नरियर चुनर लेई मनाई |दरसवा …..
कवने लोक जाइके लुभायलू, दरसवा न देहलू हे मइया || टेक ||
आरती कपूर वारि घंटावा बजाई
कइके परिक्रमा हम सर के झुकाई |दरसवा ….
काहे मोरी सुधि विसराऊलु, दरसवा ना देहलू हे मइया || टेक ||
नवरातर नव दिन भूखल हम रहली ;
फूल प्रसाद दोनों जूनियाँ चढवली | दरसवा …..
तब्बो ना सनेहिया लगवलु ,दरसावा न देहलू हे माई || टेक
लोगवा कहई तोहके दया क सगरवा;
ममता क अपने ओढ़ाई द अचरवा | दरसावा …..
“मधुकर” के छोड़ि कहवाँ गईलू , दरसावा ना देहलू हे मइया || टेक ||

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh