Ghazel Ke Bahane, Desh Ke Tarane
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जयति जयति जय गणपति देवा,
विध्न विनाशक मंगल मूरति,
सुरगण सन्त करत सब सेवा|| जयति…
जय गजबदन जय जय विनायक,
मोदक प्रिय मुद मंगल मेवा|| जयति…
गौरी सुत मूषक है वाहन|
भाषत “मधुकर” पिता महादेवा|| जयति…
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