Menu
blogid : 6094 postid : 1255516

सामाजिक संजाल

My View
My View
  • 227 Posts
  • 398 Comments

मानव द्वारा रचित समूह या संगठनों को परस्पर जोड़ने वाली संरचना फेसबुक या ट्विटर , इंस्टाग्राम या अन्य माध्यम को हम यहाँ सामाजिक संजाल समझते हैं. एक अनुसन्धान के अनुसार सामाजिक संजाल व्यक्ति ,परिवार, सामान विचार वाले लोगों के समूह और यहाँ तक कि राष्ट्र तक के लिए अनेक स्तर पर अनेकों रूप में प्रयोग होता है.
यह संजाल (नेटवर्क) नाम अनुरूप लोगों के मध्य सम्बन्ध बनाने का काम करता और उन्हें परिलक्षित करने पर केंद्रित होता है. यह संजाल लोगों को अपने विचारों, गतिविधियों , उनसे सम्बंधित घटनाओं, उनकी रुचियों सभी अपने जानने वालों या कभी कभी तो संजाल पर सक्रिय सभी के मध्य बांटने का एक सफल और सुलभ माध्यम है.
जिस तरह हम इस संसार में रहते हैं तो पहले परिवार फिर समाज और देश से अवगत होते हैं ठीक उसी तरह फेसबुक ऐसी कड़ी है जहाँ सर्वप्रथम एक मित्र फिर मित्र के मित्र ऐसे मित्रों का समूह परिवार बन जाता है. फिर हमारा एक समाज बन जाता है. जहाँ हम गोते लगाते रहते हैं इस प्रेमरस संसार में. कितना आनंद आता है, समय क्षण में व्यतीत हो जाता है. यह ऐसी ज्ञान गंगा है जहाँ हर भाषा का ज्ञान प्राप्त होता है, ऐसी ज्ञान धारा बरसती है जहाँ मानव ज्ञानामृत से अमृत तत्त्व ग्रहण करता है. हर क्षेत्र में सामाजिक संजाल उत्कृष्ट है. भोजन , स्वास्थ्य , शिक्षा ,ज्ञान ,दादी-नानी की कथा सदृश कहानियां , मित्र सदृश उपदेश आदि मानव उत्थान का सर्वश्रेष्ठ साधन है.
लेकिन जब तक सदुपयोग होता है तब तक यह सामाजिक संजाल उत्कृष्ट है लेकिन जैसे ही दुरूपयोग होने लगता है तो आगामी प्रयोग अति घातक हो जाता है. छोटी -छोटी बातों को बड़ा बनाकर परोसा जाना उचित नहीं होता है. राई को पर्वत बनाना निंदनीय है. महान व्यक्ति को तुच्छ प्रमाणित करना , तुच्छ को उत्कृष्ट कहना , किसी को अपमानित करना , बिना कारण निंदा करना, अफवाह उड़ाना, उपहास करना , बिना कारण किसी की स्तुति करना , मृत व्यक्तियों का भी निंदा करना , किसी की चारित्रिक हनन आदि निदनीय है. यदि कुछ मानव अपनी इस विकृति को त्याग दे या दुष्प्रचार न कर इसका उचित सदुपयोग करे तो इससे उपयोगी एवं द्रुत अन्य माध्यम हो ही नहीं सकता. यह माध्यम हमारे भीतर निहित गुणों को उभारने का सर्वोत्तम माध्यम है. मानव मन की बात किससे करे ? किसी के पास समय नहीं है, अपने -अपने कार्य में सभी व्यस्त हैं. लेकिन सामाजिक संजाल ऐसा माध्यम है जहाँ हम अपने समय का सदुपयोग सरलता से कर लेते हैं. अनजान भी आत्मीय बन जाता है. सालों से बिछड़े मित्र मिल जाते हैं. जब हम इस दुनियां में बैठते हैं तो सुध-बुध खो देते हैं.
सबसे बड़ी बात है कि यह संजाल उन सभी के लिए भी बहुत सुलभ साधन हैं जिन्हें अपनी अभिव्यक्ति कविता,लेख या कहानियों के माध्यम से देने का मन होता है. पहले जब इस तरह की संजाल नहीं थी तब केवल कुछ गिने -चुने लोग ही कहानी,कविता या लेख को छपवा कर अपनी अभिव्यक्ति औरों के साथ बाँट पाते थे. छपवाना कठिन कार्य होता था और उत्कृष्टता का पैमाना प्रयोग होने के कारण सर्व साधारण इसका उपभोग नहीं कर पाते थे. परंतु यह सामाजिक संजाल एक ऐसा प्लेटफार्म है जहाँ कोई भी कैसा भी लेखक ,कवि,चित्रकार अपनी कृति लोगों के बीच बाँट सकता है. फिर उनके कृति को कौन और कितने लोग पसंद करते हैं यह दूसरी बात है. प्रस्तुत करने का अवसर तो सुलभ हो ही गया न ! नवोदित कलाकार ,चित्रकार,कवि एवं लेखक सभी के लिए यह सर्वोत्तम साधन है.
कोई भी क्षेत्र हो चाहे भोजन सम्बन्धी ज्ञान हो या खेलकूद सम्बन्धी या सामान्य ज्ञान के विषय में हो या कोई कला या विज्ञानं का क्षेत्र हो यहाँ ज्ञान का विकास ही होता है .विलुप्त हुई भाषा यहाँ पुनः जागृत किया जाता है ,कोई भी भाषा हो ,अंग्रेजी भाषा हो या संस्कृत हम एक दूसरे के माध्यम से सीखते हैं . हम सब अपनी अपनी मातृभाषा का भी यहाँ प्रचार प्रसार किया करते है ,हमारी संस्कृति को अक्षुण्ण रखा जाता है ,संगीत हो या कोई भी कला विज्ञानं सभी का ज्ञान यहाँ मिलता है .इसकी छात्र छाया में मानव निर्भयता के साथ अपने मनोभावों को व्यक्त करता है ,यहाँ किसी का जन्मदिन हो या विवाह वर्ष गांठ या किसी को कुछ उपलब्धि मिली हो ,हम सब अपनों को बधाई देते है ,एक दूसरे के सुख दुःख में साथ खड़े पाते हैं .हम सब अपने मनोभावों द्वारा अपने पूर्वजों को स्मरण करते है उनके योगदान को ,श्रद्धांजलि देने का उत्कृष्ट साधन है ,देश केप्रति समर्पित अपने वीर सपूतों को जानते हैं ,अपने देश के लिए शहीद जवानों को याद कर उनके समर्पण को श्रद्धा सुमन अर्पित करने का प्लेटफार्म हैं .
हम सभी हरेक धर्मों व सम्प्रदायों को मान देकर अपनी चंचलता को दूर कर समभाव होकर हर धर्म का सम्मान देते हुए लोग यहाँ मिलते है . हम सभी को ईश्वर ने गुण और क्षमताओं कि शक्ति दी है उस शक्ति को पल्लवित पुष्पित विकसित करने का अत्यन्त ही उपयुक्त माध्यम है यह .यहाँ कोई बंधन नहीं है ,कोई सीमा नहीं ,बॉर्डर का भय नहीं ,कोई भी देश हो हम सब आराम से बात करते हैं ,कोई सीमा रेखा नहीं है .यहाँ कोई विभेद नहीं है ,धर्म ,वर्ग ,जाति से उन्मुक्त है .यहाँ न पासपोर्ट की आवश्यकता है न किसी तरह का बंधन .हरेक का एक जाति एक समुदाय के प्रतीत होते हैं .यदि इसका उचित ढंग से उपयोग किया जाय तो वास्तव में एक दूसरे से जोड़ने का माध्यम इससे बड़ा हो ही नहीं सकता .संयम विवेक से यदि इसका प्रयोग किया जाय तो यह कुटुम्ब सदृश है मात्रा जागरूकता की आवश्यकता है ,यह स्वप्न सदृश है ,यह हमर सपनों का संसार है .कहानी कथा गल्प आदि लिखने के कारण हमारे भावी पीढ़ी को लाभान्वित होने का माध्यम है ,यह एक चिकित्सक की भूमिका भी निभाता है ,वैद्य भी है यह उचित परामर्श देकर एक दूसरे को सहायता प्रदान करते हैं .
सभी मित्रों से आग्रह है इस प्लेटफॉर्म पर ज्ञान अर्जन कर स्वयं के साथ अन्य को भी लाभ देकर एक दूसरे के साथ सौहाद्र पूर्ण व्यवहार से जोड़े रखें .अपने अंदर निहित गुणों से दूसरे को लाभ दें और दूसरे के गुणों को अपने में समाहित रखें .मित्रवत सदा साथ रहें ,परोपकार की भावना से सबको लाभान्वित करें . अनुचित व्यवहार , अशोभनीय भाषा ,किसी को लांछित करने या किसी के अवगुणों को या झूठे प्रचार प्रसार न कर इसके उत्कृष्टता को कायम रख कर इसके गुणवत्ता पर ध्यान दें ,आत्मीय स्वजन की तरह ही ही रहने दें .किसी निर्दोष का चारित्रिक हनन न करें. मित्रता का ढोंग न कर सच्चे मित्रता का कर्त्तव्य निभएं . अपने परिवार की तरह आचरण करें ,इसकी गुणवत्ता को निखारें ,इसके पीछे निहित उद्देश्य को महत्त्व दें .
यह संजाल सामाजिक रहे और इसे असामाजिक न होने दें तो इस सामाजिक संजाल से सभी लाभान्वित होते रहेंगे. एक दूसरे को सामाजिक बुराइयों के बारे में बताएं, पर्यावरण रक्षा के सम्बन्ध में उद्वेलित करें, मानव हित के कार्यों के लिए इसका प्रयोग करें . तभी यह संजाल सामाजिक संजाल रहेगा और इसके प्रयोग से मानव लाभान्वित होता रहेगा.

Read Comments

    Post a comment