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मोदीजी नेपाल गए थे , नेपाल में उनका भव्य स्वागत हुआ .उनके सम्मान में दो दिवस का अवकाश घोषित होगया था . दोनों देशों में प्रसन्नता ही प्रसन्नता गुंजित हो रहा था मोदीजी का यह कदम सराहनीय है . उनके हृदयस्पर्शी भाषण से संपूर्ण नेपालवासी मंत्रमुग्ध हो गया था . नेपाल और भारत में मित्रता और भी घनिष्ठ हो जायेगा .
आरम्भ से ही दोनों देशों में मित्रता रही है. श्रीमती इंदिरा ग़ांधी का नेपाल के साथ गहरा लगाव था. उन्होंने नेपाल से व्यापार बढ़ाया था. सड़कें, बिजली तथा खाद्यान्न की सुबिधाओं को मुहैय्या करवाने में उनका सदैव योगदान रहा था. दोनों देश भ्रातृवत रहे हैं.
स्व. राजीव ग़ांधी का अपेक्षाकृत कुछ दिनों तक सम्बन्ध में थोड़ी दूरी आ गयी थी . पड़ोसियों से उनका सम्बन्ध उतना अच्छा नहीं हुआ करता था. इस अवस्था का लाभ चीनियों nen कर उठाया. नेपाल में सड़कें इत्यादि की सुविधा दिलायी . वही बात हुई थी – दो भाईयों के मध्य वैमनस्य हो तो तीसरा लाभ उठा लेता है. वही हुआ . धीरे-धीरे खटास काम हुई. पुनः दोनों देश में सम्बन्ध बना. शनैः-शनैः स्थिति सामान्य हो गयी थी. यदा-कदा आतंकबादी का नेपाल के मार्ग से आने पर विवाद तो होती थी लेकिन स्थिति सामान्य होने पर पुनः ऐसा प्रतीत होता था की सब ठीक हो गया . हमारे भाई – बहन मंगल से हैं. कभी-कभी सीमा बंद होने की सूचना से दिल दहल जाता था. लेकिन सब कुछ ठीक होने से शांति मिलती थी.
आज मोदीजी के नेपाल गमन से दोनों देश के सम्बन्ध में और भी निकटता आएगी . दो भाई अमन से अपने अपने घर में सुखद भविष्य की कामना से रहेंगे. मोदीजी ने एक अनाथ बच्चे का पालन पोषण किया उसे धर्म पुत्र बनाया . नेपाल के उस बालक को उसके माता पिता से मिलाना उनके विशाल हृदय का परिचय है .भारत का प्रधानमंत्री ने अपने इस कदम से नेपाल के लोगों का मन मोह लिया .१७ साल बाद भारत का प्रधानमंत्री का नेपाल जाना गौरव की बात है दोनों देश को अटूट बंधन में और भी बांध दिया भावनापूर्ण उनका भाषण ने नेपालवासियों को मुग्ध कर दिया .उनका हिट फार्मूला उनकी दूरदर्शिता को दिखाता है नेपाल के संविधान के लिए कहना की नेपाल के देशवासियों के हित का संविधान बनना चाहिए, जिसमें पहाड़ के या तराई के सभी का सम्मान हो – बहुत ही वाजिब बात कही.
पड़ोसियों से अच्छा सम्बन्ध रखना तथा छोटे भाइयों को प्यार देना बहुत ज़रूरी होता है. अगर ऐसा न करें तो कोई तीसरा जिसे भी मौका मिलेगा थोड़ी -बहुत सहायता करके बड़े भाई के विरोध में कभी भी खड़ा कर सकता है. और उन लोगों का तो ऐसा करना स्वाभाविक ही है जिन्हें आपको परेशान करने में आनंद आता हो. तब इस तरह की स्थितियों से सामना करने के लिए मोदी जी का यह कदम सराहनीय है.
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