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हेमामालिनी से अपेक्षा

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सबकी दृष्टि सम्पूर्ण भारत के लोकसभा की चुनाव पर था पर मेरी दृष्टि मथुरा के संसदीय चुनाव पर था. क्योंकि पावन भूमि है मथुरा.
परमपिता श्री कृष्ण की जन्म भूमि लेकिन पूर्णतया उपेक्षित सा. पिछले साल मुझे मथुरा जाने का सुअवसर मिला था. पहली बार गयी थी. मेरे भीतर अजब उत्साह था. कृष्ण नगरी जा रही हूँ. यमुना एक्सप्रेस से सुखद यात्रा तय कर जैसे ही हम एक्सप्रेस वे छोड़ कर उतरे तो लगा सही मायने में अब हम उत्तरप्रदेश में यात्रा कर रहे है. इस प्रदेश के गुण अनुसार उभड़ खावड़ कच्ची-पक्की सडकों का सिलसिला चालू हो गया. जैसे तैसे पूछते-पाछते हम कृष्ण नगरी पहुंचे. जितनी थकान दिल्ली से मथुरा मोड़ तक नहीं हुई थी उससे ज्यादा कुछ ही किलोमीटर के इस रास्ते ने दिया . खैर , कृष्ण नगरी के नाम से ही अदम्य उत्साह से भर गयी. मार्ग की थकान भी दूर हो गयी. लेकिन जैसा सोचा था वैसा कुछ भी नहीं था. तंग गलियां , भीड़ ही भीड़ . कोई नियम नहीं.ट्रैफिक यत्र तत्र तितर- बितर, किसी तरह मेरे पति अपनी कार चलने की कौशलता का उपयोग कर मंदिर के समीप पार्किंग की जगह ढूंढने लगे . और गाड़ी पार्क कर हम मंदिर पहुंचे. दर्शन करने गयी थी श्री कृष्ण की, पर प्रथम दर्शन हुआ जनसमुद्र का.
नियमबद्ध तरीके से पंक्तिबद्ध होकर दर्शन करने की व्यवस्था न होने के कारण लग रहा था जैसे सम्पूर्ण भारत की अधिकांश जनता यहीं आ गयी हो. मैं अव्यवस्था देखकर अचम्भित हो गयी. क्या कृष्णा नगरी में ऐसी अव्यवस्था ? सम्पूर्ण संसार में प्रसिद्द यह शहर देशी -विदेशी अतिथि के समक्ष क्या प्रभाव पड़ता होगा ? वे तो यही सोचते होंगे की कितना पिछड़ा है भारत.
देश में इतनी तरक्की होने के बाद भी यह क्षेत्र क्यों उपेक्षित है? यहाँ के पूर्व सरकार को पार्क बनाने की हाथी की प्रतिमा लगाने की जरूरत तो इतनी थी की करोड़ों रुपये फूंक दिया गया , लेकिन पुण्य स्थली, पावन तीर्थ तथा पर्यटक स्थली के लिए कोई सुध नहीं?! तत्कालीन सरकार भी ध्यान नहीं दे रहे हैं. वर्तमान सरकार भी इस नगरी को उपेक्षित ही छोड़ रखा है.
मैं ही नहीं बल्कि सभी सोचते होंगे की इतनी महत्वपूर्ण स्थान इतना उपेक्षित क्यों? सरकार इतनी संवेदनहीन क्यों है?
पुण्यसलिला यमुना नदी भी स्वच्छ नहीं है. जब से मैंने टी.भी. पर देखा है कि इस इस प्रदेश से श्रीमती हेमामालिनी चुनाव लड़ेंगी मेरी आशा बंध गयी कि वे अवश्य ही इन सब बातों पर ध्यान देंगी . इस क्षेत्र का भी भाग्योदय होगा .यहाँ भी सबकुछ नियमबद्ध होगा .कृष्णदर्शनार्थ आगे आये लोगों को परेशानी नहीं होगी,जनता आराम से भगवान कान्हा का दर्शन कर सकते हैं ,अब जब हेमामालिनी को लोगों ने अपना नेतृ बनाया है तब से लोगों कि अपेक्षायें प्रबल हो गयी है जिस तरह हेमाजी अपनी अभिनय क्षमता से ,अभिनय के माध्यम से देश वाशियों का मन मोहती रही हैं ,अपने कौशल से सबका मनोरंजन कराती रही हैं .अपने मधुर स्वाभाव के कारण सभी का मन मोहनेवाली हेमाजी निश्चित रूप से इस क्षेत्र का विकास करेंगी .स्वयं जैसे ड्रीमगर्ल हैं उसी तरह इस क्षेत्र को ड्रीमसिटी बनाएंगी.इस तरह विकास करेंगी जिससे विश्वप्रसिद्ध कृष्ण धाम मनोहरता में भी नंबर एक पर आ जायेगा .पवित्र नदी यमुना को इतना सुन्दर बनवायेंगी कि यमुना नदी परापूर्वकाल की तरह स्वच्छ एवं मनोहर दृष्टिगत होगी. मुझे विश्वास है कि इस क्षेत्र को इतना विकसित करेंगी जिससे सम्पूर्ण मथुरा अपनी अनुपम छटा से सबको आकर्षित करेगी .जिस तरह आकाश में चन्द्रमा अनगिनत तारों के मध्य सुशोभित होते रहते हैं उसी तरह देश के सभी तीर्थ एवं पर्यटन स्थलों में मथुरा सर्वाधिक आकर्षण का केंद्र होगा राधा-कृष्ण की नगरी होने से महत्तवपूर्ण तो परापूर्वकाल से ही है .रमणीयता में भी अग्रगण्य होगा
यह आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि अपनी लगन और निष्ठा से नृत्यकला कि माहिर विशिष्ट नायिका अप्रतिम सुन्दरी मथुरा की नेतृ असंख्य पुरष्कारों से सम्मानित नव-निर्वाचित संसद सदस्या इस पौराणिक एवं पवित्र स्थान को अपने अथक परिश्रम से इतना विकसित करेंगी कि देश-विदेश सर्वत्र अपनी कोमलता रमणीयता स्वच्छता एवं सभ्यता तथा खूबसूरती से सबका मन मोह लेंगी .

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