samras
- 23 Posts
- 1 Comment
दीप जले खुशियॉं बढ़े
आओ हम सब मिल खुशियों के दीप जलाऍं,
सारे चमन में ज्ञान का प्रकाश फैलाऍं ।
अज्ञानरुपी तम भगाऍं,
आओ हम सब मिल खुशियों के दीप जलाऍं ।
मानवता का सच्चा धर्म निभाऍं,
असत्य पर सत्य विजय – जश्न मनाऍं ।
अपराधों से दूर हो जाऍं,
आओ हम सब मिल खुशियों के दीप जलाऍं ।
राष्ट्रप्रेम का गीत गुनगुनाऍं,
हर हाथ को रोजगार पहुँचाऍं ।
सबका अपना घर हो जाए,
आओ हम सब मिल खुशियों के दीप जलाऍं ।
अमन-शांति को आत्मसात कर जाऍं,
सर्वधर्म समभाव रक्त में घुल जाए।
सबका विकास हो जाए,
आओ हम सब मिल खुशियों के दीप जलाऍं ।
आधुनिक तकनीकी को अपनाऍं,
दुश्मनों को भी दोस्त बनाऍं।
इंटरनेट से रिश्ते ना हो बोझिल
आओ हम सब मिल खुशियों के दीप जलाऍं ।
– राजीव सक्सेना
Read Comments