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सशक्त नारी, ताकत हमारी
इतिहास में नारियों से सदा से धाक जमाई
कभी दुर्गा, कभी काली बन काल को भगाई ।
आजादी के आंदोलन में दृढ़ता वीरता दिखाई,
झांसी की रानी बन अंग्रजों को धूल चटाई ।
आत्म सम्मान के खातिर बलिदानों से टकराई,
कौमलता व यौवनता भी आढे कभी ना आई ।
रौद्र रूप में काल सी जड़ता दिखाई,
अंतरिक्ष में बिना परों के उड़ान पर भाई ।
लक्ष्य भेदने की ललक से हर मंजिल पाई,
रिश्ते की डोरि में बंध पूर्णता ही दिलाई ।
प्रेम की देवी बन मानवता की रीति चलाई,
सीमाओं से परे विश्व बंधुत्व नीति अपनाई।
कठोर मेहनत, अनुशासन व समर्पण से समाई,
फैशन की दुनिया में सौंदर्य की रानी बन धाई ।
विज्ञान,कार्यालय,उद्योग व राजनीति ना बच पाई,
योग्यता, दक्षता से हर क्षेत्र अदभुत सफलता पाई ।
नर की चेतना, नर की आराधना बन गई है नारी,
विजय पताका लहराती सशक्त नारी ताकत हमारी ।
नारी का सम्मान, राष्ट्र का सम्मान है प्यारे,
बिना नारी के एक पल नहीं रह पाएगा न्यारे ।
– राजीव सक्सेना
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