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कंप्‍यूटर की पहुुँच

samras
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कंप्‍यूटर की पहुँच

विज्ञान की गोद से ऊबकर,  जन जन के उपयोग में धाया,

कंप्‍यूटर चमत्‍कार से मानव, हरदम हर्षाया और चकराया।

ऑफिस परिवेश बदला, सभी काम हुए सुलभता के संग,

उत्‍कृष्‍ट कोटि,शीघ्रतम, चित्‍ताकर्षक, न्‍यून दाम के अंग।

श्रम कम, अधिक काम, उत्‍पादकता वृद्धि है इसका मंत्र,

अधिक लाभॉंश, उत्‍पादक खुश, ऑटोमेशन हैं  संकल्‍प।

मौसम विज्ञान, खोजपरक, उपग्रह, कृषि  सभी हुए आसरे,

कंप्‍यूटर ने धरातलीय संकुचन में तीव्रता से पंख पसारे।

हार्डवेअर के हार्ट में विविध सोफ्टवेअर समाए न्‍यारे,

इंटरनेट/चेटिंग ने टीवी,फोन,रेडियो व डेक सभी पछाड़े।

हिंदी में महके, गुजराती में चमके पूरे देश से संपर्क जोड़े,

अंग्रेजियत के साथ निज संस्‍कृति का सोलह श्रृंगार करे।

जहॉं जहॉं तक निगाहें जाए, तहॉं तहॉं कंप्‍यूटर ही पाएं,

हर मुश्किल में कंप्‍यूटर ही बेहिचक सबका साथ निभाए।

सारी दुनिया बना एक गांव, सूचना क्रांति जन जन धाए,

उदारीकरण, निजीकरण में कंप्‍यूटर ज्ञान ही प्रगति पाए।

अनविज्ञ कंप्‍यूटर जैसे अशिक्षित, आधे अधूरे ही पाएं,

जीवन में कंप्‍यूटर बिना अब कोई ध्‍येय रास न आए ।

– राजीव सक्‍सेना

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