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देश के गृह मंत्री पी चिदंबरम ने संसद में भोजपुरी भाषा में बोलते हुए कहा “हम रहुआ सबके भावना समझे तानी” . भोजपुरी भाषा अपनी फिल्मो और बड़े क्षेत्र में बोले जाने के कारण सुविख्यात है. शायद इसके विशाल वोट बैंक के कारण चिदंबरम साहब का भोजपुरी भाषा के प्रति प्रेम उमड़ पड़ा. काश चिदंबरम साहब देश भर में बोले जाने वाली अन्य सैकड़ों भाषाओँ के प्रति भी इतना प्रेम दिखा पते. भाषाओँ के लिहाज से भारत को दुनियां का सर्वाधिक सम्रद्ध देश कहा जा सकता है. भारत की अनेकों भाषाएँ आज विलुप्त होने के कगार पर है. भारत की सभी भाषाओँ को आज संरक्षित किये जाने की आवश्यकता है. यह काम बिना सरकारी सहायता के संभव नहीं है. भारत सरकार को देश में बोले जाने वाली सभी भाषाओँ को संरक्षित करने का काम करना चाहिए. हर भाषा का शब्द कोष तैयार किया जाना चाहिए. क्षेत्रीय आधार पर इन भाषाओँ को स्कूली कोर्स में शामिल कर इनके शिक्षण की व्यवस्था करनी चाहिए. इससे न सिर्फ भाषा के जानकर लोगों को रोजगार मिलेगा वरन हम भारत की महान सांस्कृतिक विरासत को आने वाली पीड़ियों के लिए सुरक्षित रख सकेंगे.
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