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चौदह वर्षों का उपवास

सोचिये-विचारिये
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हम अक्सर ही स्वास्थ अथवा धार्मिक कारणों से उपवास रखते है. किन्तु इस उपवास की अवधि १० या १२ घंटों की होती है. हिन्दू धर्म को मानने वाले नवरात्र में अधिकतम ९ दिनों का उपवास करते है. मुस्लिम भाई रमजान के पवित्र माह में अधिकतम तीस दिनों का उपवास रखते है. किन्तु लगातार १४ वर्षों का उपवास, ये असंभव सा प्रतीत होता है. किन्तु नहीं, यह सच है. भारत की एक बेटी पिछले चौदह साल से भूखी है. ऐसा नहीं की उसके पास खाने को नहीं है या कोई उसे खाने नहीं दे रहा. या इसके लिए कोई धार्मिक कारण है. वो तो किसी एक मुद्दे को लेकर अपने शब्दों में उपवास और प्रशासन के शब्दों में अनशन पर है.
किसी नेता-अधिकारी को उसकी फिकर नहीं. प्रशासन उसे जबरन अस्पताल में भरती करा कर नली के जरिये जीवन रक्षक दवाये अथवा तरल उसके शरीर में पहुंचा देता है. जिससे वो अभी तक जीवित रह सकी है. मै बात कर रहा हूँ भारत के पूर्वोत्तर की बेटी इरोम शर्मीला चामू की. जो सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम को हटाने की मांग को लेकर पिछले चौदह वर्षों से भूख हड़ताल पर है.
यहाँ प्रश्न सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम हटाने अथवा जारी रखने का नही है. प्रश्न है की देश की एक बेटी जिसने एक दशक से भी अधिक से अन्न अथवा अन्य किसी खाद्य पदार्थ का सेवन नहीं किया है, क्या इस देश का कोई भी बड़ा नेता अथवा अधिकारी इरोम शर्मिला को बातचीत कर देश के हालत के मद्देनजर सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम की जरुरत नहीं समझा सकता. पूर्वोत्तर के किसी युवक की दिल्ली में पिटाई होने पर दिन भर ब्रेकिंग न्यूज़ चलाने वाले हमारे हिंदी समाचार चैनल पूर्वोत्तर की इस बेटी पर कोई कार्यक्रम नहीं आयोजित कर सकते है. जिसमे विशेषज्ञों का एक पैनल आतंकवाद से जूझ रहे भारत में इस कानून की आवश्यकता बताएं, जिससे इरोम शायद अपना १४ वर्ष पुराना उपवास ख़त्म करने को सहमत हो जाये. अभी न्यायालय के आदेश पर इरोम शर्मिला चामू को रिहा कर दिया गया किन्तु उपवास पर रहने के उसके दृढ निश्चय के करण प्रशासन ने उसे पुनः गिरफ्तार कर लिया है.
जरा सोचिये……………………………
-यह सिलसिला कब तक जारी रहेगा?
-किसी भी मुद्दे को देश भर में जन जन तक पंहुचा सकने की क्षमता रखने वाला हमारा मीडिया क्या इरोम शर्मिला के उपवास को भी चर्चा का विषय बनाएगा?
-क्या देश में अच्छे दिन लाने का वादा करने वाले हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी देश की इस बेटी के अच्छे दिन लायेंगे?
भगवान् राम का बनवास भी चौदह वर्षों में ख़तम हो गया था, देश की इस बेटी ने भी चौदह वर्ष उपवास के व्यतीत कर लिए है, आशा की जानी चाहिए की अब इसका उपवास भी ख़त्म होगा.

पुनश्च – इस आलेख के जरिये मै इरोम शर्मिला के विचारों का समर्थन नहीं करता हूँ.

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