सोचिये-विचारिये
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प्रधान मंत्री के रूप में मनमोहन सिंह की दूसरी पारी में आदर्श, टू जी , कोमनवेल्थ, के बाद लाखों करोड़ के कोयला घोटाले के सामने आने से देश स्तब्ध है. प्रधान मंत्री के कोयला मंत्री रहते रेवड़ियाँ दोनों हाथों से अपनों को बांटी गयी . इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री की सफाई और सोनिया की आक्रामकता नाटकीय प्रतीत होती है. राजनीती में इतने बड़े घोटाले शायद विश्व में और कही नहीं हुए होंगे.
क्या भ्रष्टाचार के कीर्तिमान स्थापित करने के लिए यूपीऐ टू का नाम विश्व रिकोर्ड के लिए प्रस्तावित नहीं किया जाना चाहिए?????????
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