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छत्तीसगढ़ के गौ संहार के जड़ें तलाशनी होंगी

sach ke liye sach ke sath
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गो मांस और गौ रक्षा के नाम पर जीते जागते इंसानों को मार डालने के भगवा खेल को भाजपा और उसके समर्थक भगवा संगठनों द्वारा कुतर्कों के सहारे सही ठहराने की बेशर्मी देश देख चुका है। गाय को सियासी मुद्दा बनाने वाली भाजपा का असली चेहरा अंततः वक्त ने बेनकाब कर दिया।
भाजपा शासित राजस्थान में तो विधिवत गो पालन मंत्रालय का गठन कर बजट में वित्तीय व्यवस्था भी की गई। राजस्थान के जयपुर के हिंगोनिया गौशाला में ‘ गाय माता ‘ के चारा पानी के लिए आवंटित धनराशि हजम कर जाने और गायों को बिना चारा पानी के तड़पा तड़पा कर मार डालने का शर्मनाक मामला भगवा गौभक्ति का आइना था।
भाजपा शासित छत्तीसगढ़ के रमन राज में तो पशु क्रूरता की सारी हदें टूट गईं। जिस छत्तीसगढ़ के लोकायुक्त ने एक जन शिकायत की जांच के बाद तमाम गौशालाओं में घोटाले की पुष्टि की थी वहां के मुख्यमंत्री ने गोसेवा आयोग के माध्यम से कथित गो सेवा मद में 500 करोड़ का बजट दे डाला। गोसेवा आयोग ने उदारता पूर्वक भाजपा और अन्य भगवा संगठनों को गौशाला खोल कर गोसेवा की आड़ में मेवा खाने का लाइसेंस दे दिया।
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छत्तीसगढ़ की अधिकांश गौशालाओं पर पुता भगवा रंग इस बात की मुनादी करता है की इन गोशालाओं का संचालन भाजपा या भगवा संगठन करता है। लालू यादव पर तो चारा घोटाला का आरोप था परन्तु छत्तीसगढ़ सहित अन्य भाजपा शासित राज्यों में तो गोशालाएं गायों की कत्लगाह बन गईं। राजस्थान जहाँ गो संहार हुआ वहां तो जनता से गायों के नाम पर सेस तक वसूला जाता है। छत्तीसगढ़ के जिन गौशालाओं में बिना चारा पानी के तकरीबन 1000 गायें मार डाली गईं उनका संचालक छद्म गो भक्त भाजपा का नेता हरीश वर्मा था। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया की इस भाजपा नेता की गौशालाओं को 196 लाख रुपये रमन सिंह सरकार ने दिए थे। भाजपा का नेता हरीश वर्मा की गौशाला में ना तो चारा था और ना ही पानी। गायों को भूसे में छुपाकर रखा गया था ताकि वो मर जाये। मारी गई गायों के पोस्टमार्टम में भी इस बात की पुष्टि हुई है की उनके पेट में न तो चारा था न पानी।
जैसी भयावह सच्चाई रमन राज की गौशालाओं से निकल कर सामने आई है उससे यह साफ़ हो गया है की गौ सेवा के नाम पर भाजपा सरकार ने अपने लोगों के माध्यम से खुलकर सरकारी खजाने को दोनों हांथों से लूटा है। संभवतया रमन राज में अब तक का सबसे बड़ा चारा घोटाला हमारे सामने आया है। इसमें कहीं कोई शक नहीं की इस घोटाले के जो किरदार फलक पर नजर आ रहे वो इस महाघोटाले के प्यादे भर हैं।इसकी जड़ें रमन राज तक फैली हैं। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बड़े बोल बोलने वाले देश के प्रधान मंत्री की भूमिका इस शर्मनाक घोटाले और गौ संहार मामले में भी वैसी ही है जैसी भूमिका वह भाजपा से जुड़े तमाम घपले घोटालों में निभाते रहे हैं। बात बे बात ट्वीट करने वाले नरेंद्र मोदी की संवेदनाओं को रमन राज का ह्रदय विदारक गो संहार नहीं झकझोरता ।गोसेवा की आड़ में हुई लूट शायद उनकी नजर में ,उनके तय मानक पर भ्रष्टाचार की श्रेणी में नहीं आता यही वजह है की इस शर्मनाक प्रकरण पर उन्होंने चुप्पी साध राखी है।
छत्तीसगढ़ सरकार हर साल करीब 500 करोड़ रुपये का फंड गौशालाओं के लिए देती है । राज्य सरकार की मदद से प्रदेश में सैंकड़ों गौशालाएं चलती है।इन गौशालाओं पर भगवा पल्टन का कब्ज़ा है। यही वजह है की तकरीबन 1000 गायों को चारा पानी बिना मार डालने के मामले में भाजपा और भगवा संगठनों ने चुप्पी ओढ़ रखी है। बहरहाल छत्तीसगढ़ के इस महाघोटाले ने भगवा गौ भक्ति और भ्रष्टाचार के सबाल पर भगवा चरित्र को पूर्णतया बेलिबास कर दिया है।

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