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भगवा पथ पर योगी सरकार

sach ke liye sach ke sath
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उत्तर प्रदेश के सत्ता संग्राम में भाजपा के पक्ष में जो जनादेश आया है उसकी पृष्ठभूमि में भाजपा और संघ परिवार की सुविचारित रणनीति( जो भाजपा को उग्र हिंदुत्व की पक्षधर सिद्ध करने में कामयाब रही) की अहम् भूमिका रही है यह एक निर्विवादित सत्य है। योगी आदित्य नाथ को उत्तर प्रदेश सरकार का चेहरा बनाने के पीछे निःसंदेह संघ परिवार का मिशन 2019 ही है।
योगी सरकार फिलहाल भगवा पथ पर आगे बढ़ती नजर आ रही है। फलक पर बूचड़ खानों की बंदी ,ऐंटी रोमियो स्क्वायड ,मुख्य मंत्री आवास का शुद्धिकरण,योगी जी की गोरखनाथ मंदिर यात्रा ,,कैलाश मानसरोबर यात्रा के लिए मिलने वाले अनुदान में 50 हजार रुपये की बढ़ोत्तरी , 27मार्च को योगी जी की प्रस्तावितअयोध्या यात्रा ,अयोध्या में म्यूजियम के लिए मुफ्त में भूमि आबंटन ,आफिसों में झाड़ू चलाओ अभियान ,पान -गुटखा पर प्रतिबन्ध जैसे मीडिया की सूर्खियां बटोरने वाले मुद्दे है जो भाजपा को उग्र हिंदुत्व की पक्षधर सिद्ध कर अपने वोट बैंक को साधे रखने ,बांधे रखने की सियासी कोशिस मानी जा सकती है।
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उत्तर प्रदेश की जनता से किये वो वायदे हाशिये पर हैं जिन्हें भाजपा सरकार की पहली कैबिनेट मीटिंग में पूरा करने का भरोसा हर चुनावी रैलियों में दिया जा रहा था। किसानों की कर्ज माफ़ी ,बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड ,पूर्वांचल विकास बोर्ड के गठन की बातें फिलहाल हाशिये पर हैं।किसानों की कर्ज माफ़ी के मामले में संसद में वित्त मंत्री अरुण जेटली यू टर्न ले चुके हैं ।
जेटली ने उत्तर प्रदेश की जनता से किये गए किसान कर्ज मुक्ति के चुनावी वायदे की गठरी का बोझ उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री की खोपड़ी पर लाद दिया है। जेटली ने यह साफ़ कर दिया है की उत्तर प्रदेश सरकार किसानों का कर्ज माफ़ करे। केंद्र सरकार के यू टर्न में कुछ भी नया नहीं है ,चुनावी वायदों पर यू टर्न लेने ,उनको चुनावी जुमले कहने का ट्रैक रिकार्ड जग जाहिर है। अब किसान कर्ज मुक्ति उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री के लिए एक कठिन चुनौती होगी। सूबे के किसानों की यह उम्मीद पूरी होगी या नहीं ? इसका जबाब आने वाला कल देगा।
क़ानून व्यवस्था के मोर्चे पर भी योगी जी के सामने एक कड़ी चुनौती है। विपक्ष में रह कर क़ानून व्यवस्था को कोसना जितना आसान है सत्ता सँभालने के बाद क़ानून व्यवस्था को ठीक रखना उतना ही कठिन। सत्ता परिवर्तन के बाद हुई ताबड़ तोड़ हत्या ,बलात्कार ,तेजाबी हमले की घटनाएं बताती हैं की अपराध और अपराधियों की नकेल कसने के लिए मीडिया की सुर्खियां बटोरने की जगह उत्तरदायी कार्य संस्कृति विकसित करने की जरुरत है ,आबादी की तुलना में उपलब्ध पुलिस बल का सच समझने की जरुरत है यह जमीनी सच योगी जी को समझना होगा । पुलिस से झाड़ू लगवा कर यह सन्देश तो आप दे सकते हैं की आपकी सरकार की ऐसी हनक है की आला अफसरान तक झाड़ू लगाने लगे परंतु उत्तरदायी कार्य संस्कृति विकसित किये बिना आप अपराध और अपराधियों की नकेल नहीं कस सकते।
बहरहाल योगी जी जो कर रहे वह उनको करना चाहिए ,अपनी पार्टी के भगवे एजेंडे को आगे बढ़ाना चाहिए परंतु उनको यह याद रखना चाहिए की इस प्रदेश की जनता ने जिस भरोसे के साथ उनकी पार्टी का सियासी वनवास ख़तम किया ,उनको इस मुकाम तक पहुंचाया वह भरोसा टूटने न पाए।

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