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सैनिकों का शर्मनाक चेहरा

sach ke liye sach ke sath
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सैनिकों का शर्मनाक चेहरा
बीती 8 अगस्त की रात फतेहगढ की 114 टीए इन्फेंट्री बटालियन में तैनात सैनिकों की शर्मनाक हरकतों से सैनिकों का शर्मनाक चेहरा हमारे सामने आया है। तक़रीबन 150 सैनिकों का हुजूम फतेहगढ़ रेलवे स्टेशन पर रात 9 बजे पहूँची कालिंदी एक्सप्रेस के आरक्षित कोच संख्या एस 1 ,एस 2 ,एस 3 ,एस 4 में घुसा। इन सैनिकों में अधिसंख्य नशे में धूत थे। सैनिकों ने आरक्षित टिकट धारक यात्रियों को मार -पीट कर उनकी बर्थों पर बलात कब्जा कर लिया। महिला यात्रियों तक को इन सैनिकों की बदतमीजी झेलनी पड़ी। इस घटनाक्रम को कैमरे में कैद होता देख बौराये सैनिकों ने पत्रकार को भी मार पीट कर घायल कर दिया और उसका कैमरा छीन लिया। सैनिकों के इस शर्मनाक ताण्डव के सामने स्टेशन प्रशासन और राजकीय रेल पुलिस के समक्ष मूक दर्शक बने रहने की मजबूरी थी।
सैनिकों की ऐसी शर्मनाक हरकतों की एक लंबी फेहरिस्त है। महिला यात्रियों से छेड़छाड़ ,बलात्कार ,चलती ट्रेन से यात्रियों को बाहर फेंक देने की हृदयविदारक बारदातें आये दिन होती रहती हैं। सैनिकों की ऐसी शर्मनाक हरकतों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और इनके खिलाफ कठोरतम दण्डात्मक कार्यवाई की जानी चाहिए। इनके खिलाफ कठोरतम दण्डात्मक कार्यवाई के अलावा रेलवे बोर्ड और रेलमंत्रालय को भी रक्षा मंत्रालय तथा गृह मंत्रालय के साथ विचार विमर्श करना चाहिए ताकि ऐसी शर्मनाक वारदातों की पुनराबृत्ति पर अंकुश लगे। सैनिकों के बहशीपन से हर हाल में रेल यात्रियों को महफूज रखने के उपाय फ़ौरन से पेश्तर तलाशे जाने चाहिए। एक उपाय यात्री गाड़ियों में सैनिकों की यात्रा को प्रतिबंधित किया जाना हो सकता है।

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