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“94 साल कि उम्र में परदादा बना बाप”

RAJ KAMAL - कांतिलाल गोडबोले फ्राम किशनगंज
RAJ KAMAL - कांतिलाल गोडबोले फ्राम किशनगंज
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दोस्तों हमारे एक ब्लोगर साथी श्री सैयद जी ने बताया की हरियाणा के  सोनीपत में एक 94 साल के नौजवान रामजीत राघव को परदादा बनने की उम्र में बाप बनने का सुख प्राप्त हुआ  है।

मजदूरी और हरियाणा सरकार की ओर से बुजुर्गों को मिलने वाले पेंशन के सहारे अपने परिवार को पालने वाले रामजीत ने बताया कि पिछले महीने उनकी पत्नी शकुंतला ने सरकारी हॉस्पिटल में एक स्वस्थ बेटे को जन्म दिया है ।

                         इस खबर को सुनने  के बाद यार लोगो को भी कलयुग की महिमा और असीम ताकत को मान लेने पर मजबूर होना पड़ा है ….. अब विदेशों में और हमारे देश में एक अजब और अनोखा मुकाबला चल रहा है …. या यूँ कहिये की कुदरत अपना खेल खेल रही है और जरिया बन रहा है कठपुतली रूपी मानव ….

                 अभी कुछेक दिन पहले ही इंग्लैंड में सबसे कम उम्र की बालिका के माँ बनने की स्तब्धकारी खबर सुनने को मिली थी ….. जिसको की खुद अपनी होश नही है . वोह बेचारी अपने नवजात बच्चे की क्या खैर खबर लेगी …. अब जहाँ यूरोपीय देशों में सबसे कम उम्र के  माँ – बाप बनने का अनोखा रिकार्ड नित बनाया और तोड़ा  जा रहा है , वहीँ हमारे भारतवर्ष में सबसे ज्यादा उम्र के माँ – बाप बनने का रिकार्ड बना कर धवस्त भी किया जा रहा है ……….

                  अब आप प्रबुद्धजन ही इस बात का फैसला करे की तरक्की किसने की है , हमने या फिर विदेशियों ने , यकीनन आप का जवाब होगा की हमने …अजी साहब कम उम्र में बच्चे तो किसी भी देश के नागरिक पैदा कर सकते है …लेकिन असली परीक्षा तो ज्यादा उम्र में बच्चे पैदा करने वालों की होती है … और उस में हम हमेशा ही अव्वल रहने वाले है …..

                                 आप सबके मन में यह लाख टके का सवाल उठ रहा होगा की इस करिश्मे के घटित होने में क्या राज़ है …. अब  इसमें हमको तो निम्नलिखित संभावनाए ही दिखती है :-

* पहली तो यह की उनकी 55 साल की पत्नी शकुंतला देवी के किसी लायक मर्द से जायज  संबध  रहे  हो  …..  और  क्योंकि गली मुहल्ला भी एक परिवार ही की तरह होता है …. ऐसे में अगर किसी ने अपना फर्ज समझ कर मानवीय जरूरतों के तहत किसी पड़ोसी की जरूरत के वक्त कुछ मदद कर दी तो इसमें कुछ भी गलत नही कहा जाएगा …..  क्योंकि जब क्रिकेट में भी टीम जीतती है तो किसने क्या योगदान किया था , इस बात पर कोई भी नही चर्चा करता है  ….. इसकी बजाय सिर्फ जीत का जशन ही मनाया जाता है …

* दूसरा कारण यह रहा हो की श्रदैय श्री रामजीत जी ने पंजाबी गायक गुरदास मान के इस गाने “दिल होणा चाहिदा जवान  बई  उम्रा विच की रखिया” पर अमल करते हुए इस बजुर्गीअत में भी इस हैरतअंगेज  कारनामे कों अंजाम दे दिया हो ……

* तीसरी सम्भावना यह हो सकती है की किसी मेरे जैसे रहमदिल ने उस राजकुमार का अनुसरण किया हो जिसने की अपने महाराजा पिता की वृदा अव्स्था में भी अधूरी  काम  इच्छायो कों पूरा करने के लिए अपना यौवन अर्पित कर दिया था  …..

* चौथा कारण शायद यह रहा हो कि  जिस प्रकार लंकापति रावण के महर्षि पिता कों उनकी पत्नी ने अपनी इच्छापूर्ति   के लिए उनके भक्ति के समय पर उकसा कर ज़बरदस्ती की थी ….. ठीक उसी प्रकार इस अधेड़ शकुंतला देवी ने अपने पति कों राम नाम जपने की उम्र में भी इस अमर्यादित कार्य के लिए उकसाकर यह अधर्म करवा डाला हो …. क्योंकि शकुंतला देवी पचपन साल की है और उनका दिल मुझको बचपन का लगता है ….

                    तो दोस्तों कारण चाहे जो भी रहा हो , बस हमको तो तस्सली इसी बात की है कि एक अनोखा रिकार्ड तो हमारे देशवासी के नाम हो ही गया है … अब तो बस हमको एक ही चिंता सता रही है कि अगर रावण के जन्म जैसा ही उस बच्चे के ज़न्म का कारण भी  रहा हो तो फिर हमको एक नए रावण के स्वागत और उसके आत्याचार सहने के लिए खुद कों तैयार करके रख लेना चाहिए …..

                                   फिर भी शिष्टाचार के नाते हमको दादुजान रामजीत जी कों बधाई तो देनी ही पड़ेगी ….. उनके नोनिहाल कों अपना प्यार दे देंगे और उनका आशीर्वाद ले लेंगे , एक पंथ और दो काज हो जायेंगे …. चलिए मेरे साथ ..

शुभस्य शीघ्रम !

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