Menu
blogid : 1662 postid : 424

चैटिंग रूम से मिला वोह अनमोल तोहफा

RAJ KAMAL - कांतिलाल गोडबोले फ्राम किशनगंज
RAJ KAMAL - कांतिलाल गोडबोले फ्राम किशनगंज
  • 202 Posts
  • 5655 Comments

उस साल जब मैं राखी के त्यौहार से पहले अपनी गुरु माँ के आश्रम में गया तो उन्होंने आशीर्वाद दिया था की तेरे को मैं एक ऐसी चीज दूंगी की जिसको तू हमेशा याद रखेगा …….अब यह इसी का प्रभाव था की सारी घटनाये उसी हिसाब से घटने लगी ..और समय का पहिया अपनी चाल से उसी दिशा में घूमने लग गया …..अब मैं किसी अज्ञात प्रेरणा से चैट रूम जाने लग गया था ….

मेरा वहाँ जाने का मकसद टाइम पास करना नहीं था …..और मैं किसी ऐरे गैरे  से दोस्ती करने की बजाय किसी स्तरीय हमविचार वाले से  दोस्ती करना चाहता था…..

            इसके लिए मैंने अपने सवालों की अपने मन में एक लिस्ट बना रखी थी ….तो मुझको जो भी लड़की वहाँ पर मिलती मैं उसको अपनी कसौटी पर परखता ……बहुत जल्दी ही एक लड़की मिली जो  की दिमागी तौर  पर मुझको जहीन लगी …..जिसने की मेरे किसी भी सवाल का बुरा नहीं मनाया ….बल्कि खुले दिल और सुलझे हुए दिमाग से मेरे सारे सवालों के जवाब दिए ….अब मुझको यह दर सताने लगा की कही यह मुझसे बिछुड़ ना जाये ……अगले दिन मैं फिर से उसका इंतज़ार करने लगा ….तब एक लड़की मुझ से बात करने के लिए आ गयी …मैंने कहा की मुझको कल एक रश्मि नाम की लड़की मिली थी ….मुझको तो सिर्फ उसी का इंतज़ार है ….उसने कहा की तब तक तुम मुझ से ही बात कर लो … मैंने उससे कहा की नहीं मुझे तो सिर्फ उसी से ही बात करनी है ….मुझको तब यह पता नहीं था की वहाँ पर लोग हर रोज नया -२ नाम बदल कर आते है …और यह वोही कल वाली लड़की है …..तब वोह दुबारा से रश्मि के नाम पर आई …….और कहा की पूछो जो पूछना है …मैंने कहा की कल मैंने पूछा था आज तुम्हारी बारी है …..उसने कहा की अगर कुछ नहीं पूछना तो मैं जा रही हू ……मैंने कहाँ की जैसा तुम दूसरों के साथ करती हो वेसा मेरे साथ नहीं चलेगा …..मेरे साथ -२ तुमको भी बराबर के सवाल पूछने पड़ेंगे …..तब वोह लाइन पर आई …..फिर मैंने उससे वादा लिया की वोह कभी भी मेरे से दोस्ती नहीं तोड़ेगी ……

           उससे मैंने उस दिन फिजिकल एटरैकशन  और डीवाइन लव के बारे में सवाल पूछे थे …तब उसने कहा की मैं तुमको बिना एक दूसरे को देखे बिना डीवाइन लव दूंगी ………मुझको नहीं पता था की वोह यह सब किस प्रकार करेगी …लेकिन उसके मन में सारा खाका तैयार  था …..फिर वोह अचानक गायब हो गयी और एक नए नाम से मुझको मिली …….उसको मैंने तब पहचाना जब  एक दिन उसने कहा की क्या मैं तुम को अपना भाई कह सकती हू ……कितनी अजीब बात थी की मैं उसके नए रूप वाली से रश्मि की बाते करता था और उसको जवाब भी देना पड़ता था …….अब एक बड़ा फर्क यह पड़  गया की चैट रूम की हर लड़की मुझको वोही लगनी लगी ..इसके फलस्वरूप मुझको सभी से आदर और मर्यादित भाषा में बात करनी पड़ती …..कितने नाम बदल कर मुझको वोह मिली …पता नहीं मेरे कितने टैस्ट उसने लिए …..तब कही जाकर उसने मुझको अपना ईमेल आईडी दिया ….यह एक हसीन सपने के सच होने के समान था …. नियति अपने  खेल को खेल रही थी और मैं मूकदर्शक बन कर सहयोग करते हुए सब कुछ देख रहा था ……लेकिन तभी उस ने अपने रोल को बढाकर एक नयी दिशा दी …..एक लड़की ने मेरा    ईमेल आईडी माँगा ….मेने उसको देने से पहले अपनी उस ऑनलाइन सिस्टर से सलाह ली ……लेकिन उसको मैंने अपना दूसरे वाला  ईमेल आईडी दिया ….अब मेरा नाता सिर्फ उन दोनों से ही रह गया था …क्योंकि अब मेने चैट रूम जाना बंद कर दिया था ….वेसे भी यह मुझको शोभा नहीं देता था …..उस लड़की ने जब कहा की क्या मेरे पास दो आईडी है तब मैं जान गया की यह मेरी वोही सिस्टर है ……इसके पीछे उसका मकसद यह था की वोह अपना बहन वाला रोल जल्दी से खत्म करके सिर्फ दूसरे वाला ही रखना चाहती थी …सिस्टर के रूप में तो वोह कभी मेरे सामने नहीं आयी थी ..लेकिन उस लड़की के रूप में वोह सामने आई ..लेकिन में उससे सिर्फ सिस्टर वाला ही रिश्ता रखना चाहता था ….जबकि वोह कभी भी नहीं मान सकती थी की यह दोनों ही रूप उसीके है …..अपने उस दूसरे रूप के बहुत से सपष्ट संकेत दे कर उसने अपना सिस्टर वाला रोल खत्म कर दिया …..उसके कई दोस्त थे …..तब मैंने उसको समझाना शुरू किया की कल को उसकी शादी होगी ..तब उसके होने वाले पति को यह कतई गवारा नहीं होगा की कोई उसकी पत्नी का दोस्त हो……….लेकिन उसको कोई भी सलाह गवारा नहीं थी ……  

                          अपने दोनों ही रूपों को उसने बखूबी निभाया ……पहले रूप में वोह मेरे से  विंडो लिव मेसेंजर पर सिर्फ हिंदी में ही  बाते करती थी और अपने एक नकली दोस्त की बाते किया करती थी …. जबकि दूसरे रूप में वोह मुझको याहू पे अपने असली दोस्त के बारे में पंजाबी में ही बाते किया करती थी ….लेकिन उससे एक भूल हो जाती थी या वोह अनजाने में करती थी की जब भी में उस के दोस्त के बारे में कोई बात करता या पूछता तो वोह सिर्फ पंजाबी ही नहीं बल्कि हिंदी और इंग्लिश में भी जवाब दे देती थी ……जब कभी में कोई दोनों रूपों पर शक वाली कोई बात करता तो उस दिन वोह अचानक कोई ऐसी बात कर देती की मैं सन्न सा रह जाता …….जब उसकी शादी हुई तो मैं उस के संपर्क में बहुत देर से नहीं था …तब उसने मेरे याहू मैसेज बॉक्स में अपना मोबाइल सन्देश छोड़ा …लेकिन मैं उससे कोई संपर्क नहीं रखना चाहता था …लेकिन वोह प्रयास करती रही …और एक दिन वोह कामयाब हो ही गयी ….आखरी  बार जब हम ऑनलाइन मिले तब उसने अपनी शादी के बारे में मुझको बताया ….मुझको भी अब तस्सली है की मेरी वोह बहन कम दोस्त अपने घर में सुखी है और मैं उसको शादी की शुभकामनाये दे पाया …

                                अब जब मेने उसको कोई सलाह या सन्देश देना होता है तो अपने  ऑरकुट पेज पर एक लाइन लिख देता हू यह सोच कर की यह उसतक पहुँच जायेगा ……भगवान उसको हरहाल में सुखी और खुश रखे ….

              मेरी एक दूसरी अध्यात्मिक बहिन भी  है …..उनके साथ भी मेरा रिश्ता अजीब सा है …..आम तौर पर भाई अपनी बहनों की रक्षा करते है ..लेकिन मेरी वोह बहिन मेरी जिंदगी की हर मुश्किल घडी में मेरी रक्षा करती है ……उस बहिन को मैं दोस्ती के लिए रोका करता था ..तो इस बहिन के लिए मन में यह दुआ उठा करती है की इनको मानने वाले ज्यादा से ज्यादा हो ..

           दोस्तों आज रखी पर मैं अपनी इन दोनों बहनों को याद करते हुए एक के सुखी भविष्य की तहेदिल से कामना करता हू और अपनी दूसरी बहिन से न केवल हम दोनों के लिए बल्कि सभी की खैर मांगता हू …..

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh