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ज्यादातर ब्लोगर्स की मानसिकता और व्यवहार

RAJ KAMAL - कांतिलाल गोडबोले फ्राम किशनगंज
RAJ KAMAL - कांतिलाल गोडबोले फ्राम किशनगंज
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इससे पहले मैं आप सबसे चैटिंग रूम की महसूस की गयी बाते सांझा कर चूका हू ……आप सभी ने पता नहीं क्या -२ सोचा होगा मेरे बारे में …यह मैं अच्छी तरह जानता हू …लेकिन मेरे इस लेख को पड़ने के बाद बहुत सी बाते आप सबके मन में क्लीयर हो जायेंगी …..

                  जैसा की आप सबको पता ही है की यहाँ पर हिंदी  लिखी और पढ़ी तथा  बेहद पसंद की जाती है…इंग्लिश में लिखी किसी भी रचना {रचना जी से क्षमा याचना } को उतने पाठक नहीं मिलते है  जितने की मिलने चाहिए ……तो आप सभी का हिंदी में ही लिखने का हमेशा ही प्रयास होना चाहिए …..(इस पर अगले लेख में )

            वैसे  कहने को तो यह ब्लोगिंग का मंच है …लेकिन ब्लोग्स से भी कही ज्यादा यहाँ पर  अच्छी कविताए और गजले बेहद पसंद की जाती है ….उनको लिखने वाले भी कुछ गिने चुने ही ब्लोगर्स है …..जैसे चातक + राज + शैलेश + (जी ) वगैरह और दीपिका + रौशनी + अनामिका + अदिति + रज़िया  (जी) वगैरह …….इन सभी की शैली अलग – २ है…… इन सब में भी दीपिका जी की एक खास खासियत है की वोह इंग्लिश में भी बेहद कमाल की कविता बहुत ही सरल भाषा में लिखती है …..उन जेसी लेखिका इस पूरे मंच पर दूसरी नहीं है ….यह आप उनके DREAMZ  ब्लोग पे देख सकते है ….

              यहाँ पर ज्यादातर पुरष (मेरे समेत ….या फिर मैं अकेला ही  ) हर परदे के पीछे की महिला को २२ से ३० साल तक की ही मान के चलते है …..मुझ जैसे अभागे को कोई शायद दो लाइन तो क्या दो अक्षर का भी  कमेन्ट न दे …लेकिन वहां पर इनके कमेन्टो को  देख कर आप हैरान रह जायेंगे ……इतने बड़े -२ कमेन्ट की अगर उनमे सिर्फ चंद लाइने ही जोड़ दी जाए तो एक अच्छा ख़ासा लेख तैयार हो  जाएगा ……कभी -२ मैं सोचता हू की कोई कम उम्र की महिला ब्लोगर यहाँ पर बहुत ही  अच्छा लिखे  …और अपने इन अंकलो को शर्मशार करे …देर या सबेर ऐसा ज़रूर होगा …

              यहाँ के सारे ही ब्लोगर्स एक सांझा ब्लोग कम मंच चाहते है …जहाँ पर की वोह सब इकट्ठे हो कर कोई हँसी –मजाक + गंभीर  चर्चा या बहस वगैरह कर सके ….उनकी यह तलाश हमेशा ही चलती रहती है …..कभी इस ज़रूरत को अदिति जी पूरा करती थी …लेकिन उनके जाने के बाद सबको रौशनी जी में थोड़ी सी जगमगाहट दिखी ….लेकिन उन में शायद वोह क्षमता नहीं थी …या शायद  वोह इस सब के लिए तैयार नहीं थी …तो उन्होंने अपने पाँव पीछे खींच लिए …..

                                         उस के बाद इस खाली  जगह को भरने का काम किया अनीता जी ने …..उन की मदद जागरण वालो ने भी की ..क्योंकि आप देखेंगे की अगर वोह सिर्फ कुछेक लाइनज भी लिखेंगी …तो वोह भी फीचर्ड हो जाती है ……लेकिन इसके लिए जागरण वालो को यह सब करने की ज़रूरत नहीं है ……मेरी इन से गुजारिश है की पहले की तरह कोई प्रतियोगिता रख दी जाए तो उसके कई फायदे होंगे :-

१.जो टॉप ब्लोगर इस मंच को छोड़ कर चले गए है …वोह शायद वापिस आ जाये …..

२.प्रतियोगिता के लिए ब्लोगर्स ने जो अपनी बैस्ट रचनाये बचा कर रखी है वोह सब उत्तम रचनाये हमको पड़ने को मिल जायेंगी ….

३.इस सबसे एक ऐसा अजब – गजब और निराला माहौल बन जाएगा जो की हर किसी को बरबस ही अपनी तरफ खिचेगा ….

४.जो मुर्दा हो चुके है ..उन में फिर से प्राण फूंके जायेंगे ….जो अच्छी तरह चल भी नहीं है पाते …वोह दोड़ने लग जायेंगे                                                                  लेकिन इस बात का खास ध्यान रखा जाए की समय ऐसा हो जो की …… जो  विधार्थी है वोह भी आसानी से उसमे भाग ले सके …….

            वैसे इस से सबसे ज्यादा मेरे जैसो का ही नुक्सान है ……एक कहावत आपने भी सुनी होगी की बहती गंगा में हाथ धो लो…..लेकिन हमारे हाथ तो सुखी हुई गंगा में ही धुलते है …क्योंकि जब सभी टॉप ब्लोगर्स फिर से इस मंच को ज्वायन कर लेंगे…  तो उनके एक से बढकर बढ़िया लेखो के सामने हमको किसने पूछना है ……मेरा पहला लेख प्रतियोगिता खत्म होने पर ही फीचर्ड हुआ था ….

                 वैसे में शायद पहला रचनाकार होऊंगा इस मंच पे …जो की नहीं चाहता की उसका कोई लेख फीचर्ड हो जाए ….क्योंकि यह तो आप सभी जानते ही है की मैं अपने लिए पैसे देकर लिखवाता हू …..और यहाँ पर फ्री में छपवाता हू …उस पर भी ज़ुल्म यह की जो लेख फीचर्ड हो जाए उसकी अदायगी ज्यादा करनी पड़ती है …..मेरे किसी लेख के फीचर्ड होने पर मेरी आँखों में जो आंसू होते है … उन आंसुओं का मर्म आप अब अच्छी तरह समझ सकते है ……

                             अगर मेरे विश्लेषणात्मक लेख से किसी की भावनाये जरा भी आहत हुई हो तो मैं उन सब से हाथ जोड़ कर माफ़ी मांगता हू ….

                                        खुदा हाफिज …….(क्षमा याचना सहित )

                                                 राजकमल   शर्मा                                                                     

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