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विधान सभा में अश्लील वीडियो – दम तोड़ती नैतिकता या आधुनिकता की मिसाल?

RAJ KAMAL - कांतिलाल गोडबोले फ्राम किशनगंज
RAJ KAMAL - कांतिलाल गोडबोले फ्राम किशनगंज
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हाल ही में कर्नाटक विधान सभा में भारतीय जनता पार्टी के विधायक व मंत्री लक्ष्मण सावदी सहित दो अन्य मंत्रियों सीसी पाटिल व कृष्णा पालेमार को सदन की कार्यवाही के दौरान ही मोबाइल पर पोर्न वीडियो देखने के कारण इस्तीफा देना पड़ा साथ ही उनके विधान सभा में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई…..

क्या बातचीत हुई इसका सिलसिलेवार ब्यौरा ज्यों का त्यों बिना किसी कट के राजकमलिया अन्दाज़ में आप सभी के सामने प्रस्तुत है )

सीसी पाटिल:- बंधुवर ! यह बहुत देर से आप अपने मोबाइल पर इतने मग्न होकर क्या देखे जा रहे हो ?…..

श: श: श: चुप …. चुपचाप तुम भी देखो , शोर मत करो वरना सारी  विधानसभा जाग जायेगी ….

अरे भाई ! हमारे कर्नाटक को मंदिरों का प्रदेश कहा जाता है …. और यह हमारा सदन तो वैसे भी लोकतंत्र का भव्य मंदिर कहलाता है ….. क्या इसमें ऐसी फिल्मों को नैतिकता की दृष्टि से भी देखना भला उचित होगा ?…..

यह नैतिकता वैतिकता की बाते या तो अब किताबो में अच्छी लगती है या फिर हम लोगो के भाषणों में …..

अब अपनी फिजूल की भाषणबाजी से मेरा मजा खराब मत करो यार ! अगर देखने की इच्छा है तो तुम भी इन देवी जी के दर्शन कर लो ….

वाह ! यह तो बड़ा ही मस्त -२ और मजेदार वीडियो है …. आपको कहाँ से मिला ? ….

अरे भाई ! और कहाँ से मिलेगा ….. मेरे बेटे के मोबाइल में था …. मैंने चुपके से उसको बिना बताए वाया ब्लूटूथ अपने मोबाइल में ट्रांसफर कर लिया, बस इतनी सी बात है  ……

(वीडियो को ध्यान से देखने की कोशिश करते हुए) लेकिन इसकी हीरोइन की शक्ल तो कुछ जानी पहचानी सी लग रही है…..

अरे कितने अचरज की बात है आपने इन मोहतरमा को नहीं पहचाना ….. भाई साहिब ! यह तो महेश भट्ट की आने वाली फिल्म जिस्म -२ की हीरोइन सन्नी लिओन है …..

एक बात मेरी समझ में नहीं है आई …. जिसकी अभी तक कोई भी फिल्म नहीं है आई उसकी क्लिप आपके मोबाइल में कैसे चली आई ?…..

अरे निरे मुरख हो तुम तो ….. बिग बॉस  में आने से पहले ई ससुरी ऐसी वैसी फिल्मों में ही तो काम  करती थी …..

तभी पीछे से अर्दली आता है और सदन की कार्यवाही से सम्बन्धित कुछेक दस्तावेज  सामने टेबल पर रखने लगता है …..

सीसी पाटिल अपने मोबाइल को आन हालत में ही एक तरफ को थोड़ा सा तिरछा करते हुए उन कागजात का पूरा फायदा उठाते हुए उन्ही से अपने मोबाइल को ढक लेते है …..

तभी फिर से लक्ष्मण सावदी तांक झांक करते हुए अपनी मुंडी मोबाइल में घुसेड़े बैठे सीसी पाटिल से बोले की सदन में बहस “गर्मागर्म” होते हुए उग्र रूप धारण करती चली जा रही है …….

गोली मारों इस नामुराद बहसबाज़ी को ….. यहाँ पर फिल्म के गर्मागर्म सिन्ज का चरम आन पहुंचा है और आप है की अपनी  दकियानुसी बहस वाली सोच पर ही अटके हुए है अभी तक ….. अगर तरक्की करनी है और खुद को आधुनिक कहलाना है तो बदलते जमाने के साथ आपको खुद को भी बदलना होगा ताकि कल को कोई आपको पिछड़ा हुआ न कह सके और आप आधुनिक जमाने के साथ कदम से कदम मिला कर चल सके …..

आप मुझसे यह क्या कह रहे है ?….. मैं तो खुद ही इन सभी बातो का ख़ासा ख्याल रखता हूँ …. इसीलिए तो मैंने नारी जाति को अपना बचाव कामि पुरुषों से रखने के लिए खुद का पहनावा सही रखने की नसीहत दे डाली थी …..

आपकी इसी प्रतिभा और दूरदृष्टि के तो हम कायल है …. लेकिन किसी को क्या मालूम की हम ‘पर उपदेश कुशल बहुतेरे’ है ….

(होठों पर अमरीश पुरी स्टाइल वाली कुटिल मुस्कान लिए हुए ) लेकिन भाई साहिब ! वोह बात तो मैंने कम कपड़ो के उपर कही थी ना कि बिना कपड़ो के ऊपर  ….. इसलिए वोह तो मुझ पर वैसे भी लागू नहीं होती है ….. हे हे हे हे हे कर खीसे निपोरते हुए दोनों ही दबी हुई हंसी हँसने लगते है ….

लक्ष्मण सावदी:- इस फिल्म ने तो मेरे सोये हुए जज़्बात तथा दबे हुए अरमान जगा दिए है ….. अब तो आपको ही कुछ न कुछ प्रबंध करना होगा …..

कब तक तुम इन प्रबन्धो के चौरासी के चक्करों में उलझे

रहोगे ?…. अपने साथ -२ तुमने मुझको भी उलझा रखा है ….. कोई पक्का इंतजाम क्यों नहीं करते हो ?….. हमारे से अच्छे तो राजस्थान के भूतपूर्व मंत्रीगण महिपाल और मदरेणा ही निकले ….. उनके पास पक्के इंतजाम के रूप में भंवरी देवी तो थी कम से कम …..

तुम यह क्यों भूलते हो की भंवरी देवी के भंवर में फंस कर ही वोह दोनों हमारे नेता जाति के भाई रसालत की अंतहीन गहराईयों में डूब गए है ….

अब अगर उन नासमझो ने एक जीती जागती साढ़े पांच फुट की संगेमरमर की मूरत को नदी की गहराईयों में विसर्जित कर दिया तो उसका परिणाम भी तो उनको ही भुगतना है …..

सोच लो ! कल को अगरहमारी होने वाली वोह” ने भी हमको हमारी सी.डी. दिखाकर हमारी हैसियत से ज्यादा रूपये ब्लैकमेल करके ऐंठने चाहे तो हमको उस हालत में क्या करना चाहिए इसकी प्लानिंग अभी से बना लो ….. क्योंकि समझदार वही कहलाता है जोकि पायजामा सिलवाने से पहले ही उसका नाड़ा बनवा लेता  है …. वर्ना बाद मैं कहीं ऐसा न हो की इस फिल्म की हीरोइन की तरह हम भी सरे बाजार सबके सामने नंगे हो जाए ….

उसका हल भी मैंने सोच लिया है …. बजाय इसके की वोह  हमारी सी.डी. बनाए , उससे पहले ही हम उसकी ही सी.डी. बना लेंगे …. और उसके दम पर सारी उम्र उसको अपने इशारों पर नचवाते जायेंगे …..

उस सी.डी. को आखिरकार हम रखेंगे कहाँ ? …..

इसमें इतना ज्यादा भेजा चलाने की क्या जरूरत है, भला ?….. अपने स्विस खाते के लाकर में बड़े ही आराम से  रखवा देंगे …. वहां वोह पूर्ण रूप से सुरक्षित रहेगी …. वोह सी डी. हमारी खानदानी धरोहर होगी ….. जब तक हम जियेंगे उसके दम पर हम ऐश करेंगे और हमारे बाद उसके बलबूते हमारी औलादे उसपीड़िता” की बेटी से अपना“खानदानी रिश्ता” कायम रखेंगी …..

मान गए उस्ताद आपको ….. क्या अलादीन का दिमाग पाया है आपने ….. शत शत वन्दन+ अभिनन्दन है आपको …..

मित्र ! ऐसा कहकर आप हमको व्यर्थ ही शर्मिंदा कर रहे है ….. हम आपके इतने मान के काबिल नहीं है …..

(दोनों राजकमल की तरह ही ही ही ही ही कर हँसने लगते है)

विधानसभामेंअश्लीलवीडियोदम तोड़ती नैतिकता या आधुनिकता की मिसाल?

(एक हास्य वयंग्य पुरी तरह से सच + आंशिक तौर  पर सच तथा पुरी तरह से काल्पनिक भी हो सकता है )

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