Menu
blogid : 1662 postid : 354

वोह जिसको मैने बिना देखे प्यार किया …क्या ?.. उस पिछले जनम के प्यार को पाने के लिए मुझको एक जनम और लेना पड़ेगा ?…..

RAJ KAMAL - कांतिलाल गोडबोले फ्राम किशनगंज
RAJ KAMAL - कांतिलाल गोडबोले फ्राम किशनगंज
  • 202 Posts
  • 5655 Comments

छठी क्लास में पड़ते हुए एक कसबे से उस शहर में आने का हमारा पहला दिन था जब मेरे डैडी ने मुझे अपने सामान से भरे हुए ट्रक और टेम्पू को देखने के लिए उस नए मोहल्ले की गली के मौड़ पर खड़ा कर दिया था ….लेकिन मुझको पसीने आने लगे ..एक अजब सी बेचैनी और घबराहट होने लगी ..अगर सच कहू तो उस एहसास को में शब्दों में ब्यान नहीं कर सकता …में जब भी उस कोठी से आगे या पीछे जाऊ तो में फिर से नार्मल हो जाऊँ…खैर बाद में मैने देखा की उस घर में वोह चार बहने थी …तो अब मुझको यह पता करना था की उन बीच वाली दो बहनों में से वोह कौन है जिस को मैने बिना देखे कुदरत की किसी शक्ति के अधीन प्यार किया …जल्दी ही उसका भी पता लग गया ….
मेरे डैडी ने पहले ही दिन कहा की बेटा गली की सब लड़किया बहनों के समान होती है…मैने मम्मी से पूछा की ऐसा क्यों ..तो उन्होंने बताया की ..क्योंकि उनको हम अपने घरों में माता की कंजक मान कर पूजा करते है टीका करते है पेरो को हाथ लगाते है….तब से मैने उसकी सब से छोटी बहिन को कभी भी नवरात्रों में नहीं बुलाया…उसके घर से पहले ही क्योंकि गली मुड़ जाती थी इसलिए में अपने मन को समझाता था यह किसी भी लिहाज से मेरी बहिन नहीं हो सकती क्योंकि उसके घर से दूसरा मोहल्ला शुरू हो जाता है …गली के लड़के और लड़किया एक खेल खेला करते थे ..जिस में विष -अमृत और ब्रदर-सिस्टर कहना पड़ता था …तो मैने उस खेल से बचने के लिए पहले ही दिन से बाकि सब खेल भी छोड़ दिए सिवाय क्रिकेट के ….
चाहे हमने अपने -२ प्यार का इज़हार नहीं किया था …लेकिन प्यार की तो अपनी ही भाषा होती है ….अपनी ही अलग महक होती है ..लोग बाग सब समझते थे …हमारी गली में एक गुंडा भी था हमारा ही हम उम्र …वोह उसको बहुत तंग करता था ….में भी कब तक सहन करता …आखिर एक दिन तकरार हुई और अगली बार हम बुरी तरह से उलझ पड़े …तब दोस्तों ने हमें अलग-२ कर बीच बिचाव किया …मैने उसको जब गिरा लिया जिसकी की किसी को भी उम्मीद नहीं थी तो सभी कहने लगे की अरे .. अगर कमल इसको गिरा सकता है तो हम भी कर सकते है …यह सब प्रेम की ताकत से हुआ था …उसके दो नाम थे ..उसके चमचे उसको नरिंदर और में उसको नंदा कहता था …खैर इसके बाद वोह मेरा भी अच्छा दोस्त बन गया ..और में मूक सर्व्समिति से मैं हो गया उसका उसका आशिक ….
दसवी में पड़ते हुए उस ने एक लड़की जो की सारे मोहल्ले की ” दीदी ” थी को मेरे पास यह पैगाम देकर भेजा की एक लड़की तेरे को पसंद करती है …चाहे नाम उसने नहीं बताया लेकिन फिर भी में समझ गया था की उसके इलावा कोई और तो हो ही नहीं सकती ….मैने कहा की मुझको सोचने के लिए 15 दिन का समय चाहिए …वोह हसने लगी ..बुद्धू ! तुमको इश्क करने में भी सोचने का टाइम चाहिए ..में बोला की हां मुझे 15 दिन का समय चाहिए ..वोह फिर आने का कह कर चली गई ..में घर में आया तो देखा की मेरी माँ कपडे धो रही थी ..मुझे अपना घर अजीब सा लग रहा था ..सारा समान घटिया और बेतरतीब सा लग रहा था …ऐसा लग रहा था की जेसे में किसी और के घर में आ गया हू ..

में सोचने लगा की हम सभी इतनी ठण्ड में रजाई में दुबके रहते है..मेरी माँ पानी में भीगते हुए भी सारे काम करती है … वोह इतने बड़े घर की फैशनेबल बेटी जो की कूड़े के ढेर के पास भी खड़ी हो जाये तो उसमे से भी इत्र की खुशबु आने लग जाये ..मेरे साथ इस छोटे से घर में केसे रहेगी …क्या में नोकरी कर के इतना कमा पाउँगा की उसकी सारी ज़रुरते पूरी कर सकूँ…अभी तो उसने प्रेम का इज़हार ही किया है तो मुझे अपना घर और घर के पराये लगने लगे है …बाद में क्या होगा …फिर मैने अपने आस पास देखा तो जो -२ भी लड़का किसी लड़की के प्रेम में पड़ा हुआ था ..उसकी बहिन भी किसी न किसी के चक्कर में ज़रूर थी …में यह सोच कर ही काँप गया की मेरी बहिन किसी को प्रेम करेगी …मैं उसको रोकूँगा तो नेतिक रूप से उस पर गहरे से मेरी किसी भी बात का कोई असर नहीं होगा …..यह सब सोच कर मैने अपने पांव पीछे खीच लिए …हाय रि किस्मत ! हमने तो प्यार भी सोच समझ कर नहीं किया …काश की मैने अपनी बहिन के बारे में इतना डीपली न सोचा होता तो आज हमारा मुकाम कुछ और ही होता ……

लेकिन वोह हार मानने वाली नहीं थी …फिर उसने अपनी बड़ी बहिन को कहा तो उस ने एक दिन मुझको रास्ते में रोक कर पूछा की तेरे दसवी के रिसल्ट में क्या पोजीशन आई है …में उसको पहली पोजीशन बता कर ऐसा भागा जेसे की मेरे पीछे भूत लगे हुए हो …इसके बाद उस ने अपनी माँ से कहा तो वोह मेरी माँ के पास आई की आप यहाँ से अपना मकान बदल लो ..आपके बच्चे शरीफ है कही ऐसा न हो को वोह बिगड़ जाये …मेरी माँ तो उस की बातो में आ गई …तब मैने कहा की हम तो किराये पर है ..एक न एक दिन तो चले ही जाना है …और में तो आपका बेटा हू ..लेकिन इनकी तो बेटिया है ..क्या वोह नहीं बिगड़ेगी ..यह क्यों नहीं अपनी कोठी बेच कर कही और चले जाते ..तो दोस्तों जो बात हमारी प्रेम कहानी के परवान चड़ने के बाद होनो थी वोह उस के शुरू होने से पहले ही हो गई …
खैर बाद में हालात कुछ ऐसे बने की हम दूसरे मोहल्ले में चले गए …वहाँ भी वोह ” दीदी ” आई पैगाम लेकर …लेकिन मुझ कायर को तो प्यार नहीं करना था..आज सोचता हू तो अपने पर लॉनत डालता हू की भगवान भी क्या सोचता होगा …की इसको मैने इसके पिछले जनम का प्यार दिया था तभी तो उसको बिना देखे ही इसने महसूस किया था …क्या अब इसको फिर से एक और जनम दू ?…यह अधूरा प्यार पूरा करने के लिए …
अब अगर उस लड़की की तरफ से मुझे कोई शेयर कहना हो तो येही कह सकता हू की …..
हमने तो उनको दिल अपना दिया था पहले से ही तोड़ कर …..
की रख लो इसको अपने पास जी चाहे जेसे जोड़ कर ….

जब तक जी चाहे इस से खेलना दिल बहला लेना
और फिर हमी को मोड़ देना फिर से तोड़ कर …..
तो दोस्तों हमारी इस प्रेम कहानी में लव -एक्शन -इकरार -जुदाई -पछतावा सभी मसाले है …तो कामेडी की कमी क्यों रह जाए …आखिर फिल्म को हिट करने के लिए उसकी भी तो जरुरत होती ही है ना ….
अब तो उसकी शादी हो गई है ..लेकिन आप के लिए यह अच्छी खबर है की मैं अभी तक भी कुंवारा ही हू …तो यह आप के लिए एक सुनहरा अवसर है …आप इस जिंदगी भर की पोस्ट के लिए एपलाई कर सकते है …लेकिन जल्दी करना ..कही ऐसा न हो की आप भी मेरी तरह इस मौके को गवां दे …में आप को 15 दिन का तो नहीं लेकिन एक हफ्ते का समय ज़रूर दे सकता हू.. अगर आप को मेरी तरह अपने प्यार का इज़हार करने में कोई दिक्कत आ रही हो तो उसका भी हल है मेरे पास ..आप मुझको ..
1. आई लव यू बोल सकते है ..
2. डू यू लव मी … ? भी बोल सकते है ..
3.तुम्हारे चरणों की दासी या फिर प्राणों की प्यासी भी बोल सकते है ..वेसे आपका सही स्थान तो मेरे दिल में ही रहेगा …
में इतने भर से ही समझ जाऊंगा ..लेकिन मुझ से किसी भी पहल की कोई उम्मीद मत रखना ….वेसे अगर आप ने इस बार मुझे चुन कर मौका दिया तो मैं आपको पूरा- २ यकीन दिलवाता हू की पहले की तरह इस बार कोई भी गलती नहीं करूँगा ..इस मौके को लपक के थाम लूँगा फिर कभी भी न छोड़ने के लिए …
इस से पहले में आप से अपनी नकली बीवी और नकली बच्चों के नाम पर कमेन्ट माँगा करता हू …लेकिन इस बार असल में खुद अपने लिए कुछ मांग रहा हू ..मुझ गरीब को निराश मत करना …नहीं तो मेरा भगवान पर से भरौसा उठ जायेगा …आओ मिल कर एक पर्यास करे ..और उस कहावत को बदल दे की किस्मत हर आदमी पर जिंदगी में कम से कम् एक बार तो जरुर मेहरबान होती है …अगर ऐसा हो गया तो कल को श्री -फरहाद वगेरह के साथ हम दोनों का भी नाम भी आएगा और आने वाली पीडिया हमारी मिसाले दिया करेंगी …क्या आप मोह्हबत का इतिहास और उस खुदा के बनाये हुए कानून और इस समाज की बनाई हुई कहावतों को बदलने में अपना कोई योगदान नहीं डालना चाहेंगे ?…मर्ज़ी है आपकी ? ..

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh