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आजकल टी.वी. चैनलों पर एक ताजातरीन गाना फुल वाल्युम में बड़े ही जोर शोर से बज़ रहा है “ प्यार दो – दो प्यार लो – लो” …… थैंक यू फिल्म के इस अति आधुनिक गाने के लिए आपको इस गाने से जुड़े हर व्यक्ति को थैंक यू कहना ही चाहिए ….. आज के अति आधुनिक जमाने में आज की एडवांस जेनरेशन भला बत्ती गुल होने का इंतज़ार ही कहाँ करती है …… सब काम धड़ल्ले से खुलेआम और सरेआम करती है ….. वलेंनटाइन डे पर हम इसका गरिमामय रूप सावर्जनिक रूप से देख ही लेते है ….. शर्म और बेशर्मी के अर्थ और मायने बदल गए है …. जिस काम को पहले डर कर और छुप कर किया जाता था , उसको अब बड़े ही धड़ल्ले से किया जाता है और खुद पर गर्व किया जाता है …… इसका उदहारण है वोह सर्वे जिसमे बताया गया था की दिल्ली में दसवी कक्षा में पढ़ने वाली ज्यादातर लडकियों के ब्वायफ्रेंड है ….. और कई खुशनसीब लड़कियों के तो एक से ज्यादा भी है तथा जिन अभागी लड़कियों का कोई भी ब्वायफ्रेंड नहीं है वोह हीन भावना से ग्रसित हो जाती है तथा उन बेचारियों को उनकी सहेलिया ताने दिया करती है …..
काफी साल पहले की बात है पंजाब का एक साहित्यकार इंग्लैण्ड में सपरिवार बसे हुए अपने एक दोस्त को मिलने गया ….. जब वोह एअरपोर्ट से घर पहुंचे तो घर में घुसने पर एक कमरे का दरवाजा खोलने पर उन्होंने पाया कि उसमे ‘एक लड़का और लड़की’ थे , उस कमरे को तुरन्त प्रभाव से बन्द करके जब दूसरा कमरा खोला गया तो उसमे ‘एक लड़की और लड़का’ थे ….. उस कमरे को भी बन्द करके वोह दोनों दोस्त आनन फानन में तीसरे कमरे में घुस गए ….. मेजबान से मेहमान ने दबी जुबान में पूछा की “भाई ! मेरे आखिर यह सारा माजरा क्या है ? …… तब एक दीर्घ निश्वाश लेकर उसने सारे घटनाकर्म की कुछ इस प्रकार से व्याख्या कि :-
“जिस पहले कमरे में हमने प्रवेश किया था उसमे मेरे भक्त बेटे ने अपनी अपनी एक भक्तिन साथी को मिल जुल कर आत्मसाक्षात्कार करने के लिए बुला रखा है …… और दूसरे कमरे में मेरी बेटी ने बाबा मस्तनाथ के चेले माइक को ज्ञान देने के लिए बुला रखा है ….. दोस्त के यह कहने पर कि तुम इनको क्यों और कैसे बर्दाश्त करते हो ? ….. आखिर तुम इनकी शिकायत स्थानीय पुलिस में क्यों नही करते हो ? ….. तब उसने बड़े ही दुखी दिल से यह फरमाया कि “अगर मैं इनको खुद रोकता हूँ या फिर इनकी शिकायत करता हूँ तो मुझको “धार्मिक- गतिविधियो” में रुकावट डालने के आरोप में अन्दर कर दिया जाएगा , क्योंकि ‘धार्मिक –आजादी’ के मामले में यहाँ कि सरकार बहुत ही सख्त है ….
तन – मन में जोश भरकर उत्साहित करने वाले फिल्म थैंक यू के इस गाने के साथ -२ ही पिछले कुछेक दिनों से एक और शौरगुल हो रहा है कि आने वाले समय में बहुत ही ज़ल्द यह दुनिया खत्म हो जायेगी ….. लो जी , अब कर लो बाते प्यार की और कर लो जी भर के प्यार ! …… मैं तो कहता हूँ की इस दुनिया के खत्म होने से पहले -२ इस धरती पर हर तरफ प्रेम की नदिया बहा दो ……. हरेक लड़की को आजादी हो की वोह जिसको पसंद करती है उसके साथ शादी कर सकती है ….. यहाँ तक की अगर कोई शादीशुदा महिला भी अपने पति से नाखुश है तो उस बेचारी को भी अपने मनपसंद भावी जीवन साथी के साथ हंसी खुशी से रहने कि इजाजत होनी चाहिए ….. आप लोग कहेंगे की आज यह आधा पागल शायद पूरा पागल हो गया है , तभी ऐसी नामुमकिन और बहकी -२ बाते कर रहा है ….. अजी साहब अगर हम लोग इस्त्री को इतनी आजादी देंगे तभी तो उसके कदम किसी नादानी में नहीं बहकेंगे ….. इसके उल्ट अपनी मनपसंद पत्नी और प्रेमिका पाकर पुरुष मदिरा को छोड़कर मस्ती की मदिरा पीकर चहकेंगे ……
ऐसी बात नहीं है की मैं सिर्फ सलाह ही देता हूँ , बल्कि मैं तो दूसरों को कहने से पहले खुद ही उस पर अमल करता हूँ ….. मैंने तो अपनी पत्नी से साफ़ -२ कह दिया की प्रिये ! जो भी तुमको भाये , उसी संग वोह चली जाए ….. वोह बेचारी कहने लगी मैं आपको दोष नहीं देती , दरअसल मैं एक बहुत बड़े धर्म संकट में फस गई हूँ ….. मेरा तो एक नहीं बल्कि अनेको संग नाता है , अभी तक मैं यही नहीं हूँ समझ पाई की मुझको कौन सबसे ज्यादा भाता है …..
इसके इलावा मेरा एक मूल्यवान मशविरा और भी है की जो भी पति पत्नी मज़बूरी में एक दूसरे के रिश्ते को ढो रहे है , अब समय आ गया है की वोह एक दूसरे से आज़ाद हो जाए ….. जो पति- पत्नी बीमे की रकम पाने का सिर्फ ख्वाब ही देख रहे है उनके लिए यह सही समय है की वोह अपने जीवन साथी की इहलीला समाप्त करके , बीमे से प्राप्त राशि से अपने नए साथी संग हंसी खुशी + प्रेम पूर्वक जिन्दगी बसर करे …… जिन युवा कन्याओं ने पैसे के लालच में अधेड़ और बूढ़े खूसटों से शादी की है , उनसे भी मैं यह पुरजोर अपील करता हूँ की अब वोह उन खूसटों के मरने का इंतज़ार कदापि ना करे …… इसकी बजाय खुद ही कोई सार्थक प्रयास करे जिसका नतीजा सकारात्मक और फलदायक निकले …..
मेरे द्वारे बताए गए और सुझाए गए मूल्यवान सुझावों पर अमल करके ही यह दुनिया प्रेम से परिपूर्ण बन सकती है ….. इसीलिए मैं यही कहना चाहता हूँ की इस दुनिया के खत्म होने से पहले -२ अपने मूल्यवान समय को बर्बाद ना करते हुए बस एक ही काम करो यानी की “प्यार दो –दो’ ‘प्यार लो – लो”
T H A N K – Y O U
प्रेम का पुजारी और प्रसारकरता ( खुदाई मददगार )
राजकमल शर्मा
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