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देशप्रेमी बनाम देशद्रोही
आजकल सोशल साइट्स, मोबाइल, फेसबुक, वटस्एप और ट्विटर इत्यादि सभी पर दो मुख्य विषयों ने जोर पकड़ रखा है। एक विषय चीन के सामान के बहिष्कार का है तो दूसरा सर्जिकल स्ट्राइक्स का।चूंकि चीन पाकिस्तान के समर्थन में है इसलिए चीनी सामान के बहिष्कार की मांग हो रही है।सर्जिकल स्ट्राइक्स को ले कर देश प्रेमी वर्ग में विशेष उत्साह है और अपने वीर सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए संदेश दे रहे हैं कि सैनिक सीमा संभाले और देशवासी चीन के सामान का बहिष्कार करे ताकि उसकी आर्थिक विकास की गति धीमी हो जाए । देश हित की भावना से ओतप्रोत देशप्रेमी चीनी झालर,लड़ियाँ और चीनी पटाखों के दीपावली पर प्रयोग न करने का निर्देश बड़े जोर-शोर से जारी कर रहे हैं और देश प्रेमी जनता भी जोरशोर से समर्थन दे रही है, संकल्प ले रही है और बढ़-चढ़कर अपने संकल्प को वटस्एप पर डाल भी रही है कि
‘उरी आतंकी अटैक’ में शहीद होने वाले देश के जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए दिवाली के अवसर पर कोई भी चाइनीज़ सामान नही खरीदेंगे । फिर भले ही वह भारतीय सामान की तुलना में कितना ही सस्ता क्यों न हो क्योंकि जो चीन पाकिस्तान के साथ खड़ा है उस देश में हमारा एक रुपया भी जाना हमारे देश के विरुद्ध है। चाइना ने पाकिस्तान का समर्थन किया है और ब्रहमपुत्र की सहायक नदी का पानी रोक दिया है “।विशेष सूचना द्वारा समझाया जा रहा है कि आज कल चाइना के आइटम्स पर Made in China लिखा नहीं आता है।अब लिखा आता है made in PRC मतलब People Republic of China
सभी को इस प्रकार के संदेशों को forward करने के लिए अनुरोध भी किया जा रहा है कि चाइना आइटम्स का बहिष्कार करें। सोशल मीडिया के प्रचार का जन सामान्य ने सम्मान किया है। रेवाड़ी जैसे छोटे से शहर के व्यापारियों ने इतना बड़ा निर्णय ले कर तो कमाल ही कर दिया है। रेवाड़ी के व्यापारियों ने बताया कि वे भी चीन का सामान न खरीदने का और न ही बेचने का प्रण लेते हैं। व्यापारिक वर्ग का अभिनंदन किया जा रहा है।
भारतीय होने के नाते हमारे देश के हमारे ही भाइयो के उद्योग बढ़ाने के लिए और स्वाभिमानी भारत निर्माण के लिए आओ हम सब प्रतिज्ञा करें कि किसी भी हाल में हम चीनी उत्पाद नहीं खरीदेंगे।
हम सब मिल कर देश विरोधी लोगों का सामाजिक और आर्थिक बहिष्कार करें।जो देश विरोधी हैं और देश विरोधी होने के कारण गलत बयानबाजी कर रहे हैं, किसी भी तरह का सहयोग नहीं करेंगे।
हमारे ही पैसो से ऎश करने वाले और हमारे ही कारण सुपर स्टार बन कर फिरने वाले फ़िल्मी स्टार और उनको ले कर फिल्म बनाने वाले किसी भी प्रोड्यूसर डाइरेक्टर की फिल्मों का और जिस किसी उत्पाद के ब्रांड एंबेसेडर हो, उस कंपनी की कोई भी चीज ना लें।
अपने देश और अपनी आने वाली संतति के लिए इतना तो हम सब कर सकते हैं। इन में से एक भी काम कठिन नहीं है। बस आवश्यकता है देशप्रेम और स्वाभिमान की। दुकानदारों का भी योगदान यह है कि वे भी चीनी सामान न बेचने का संकल्प लें। केवल व्हाट्सऐप पर पोस्ट डाल कर संतोष ना करें *कुछ कर के भी दिखाएँ ।करके दिखाना है *चीनी माल का बहिष्कार !*
देश का बहुत बड़ा दुर्भाग्य है कि एक ओर देश हितैषी जन सामान्य में राष्ट्रीय भावनाओं से देश स्वाभिमान की ज्वाला प्रज्वलित कर रहे हैं तो दूसरी ओर देश द्रोही भी सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल कर भ्रम जाल फैलाने में कोई भी कमी नहीं छोड़ रहा है।चीन के पक्ष में रवीश कुमार भी पोस्ट डाल कर जन सामान्य में विषैला वातावरण बनाने का प्रयास कर रहा है। रवीश कुमार ndtv की पूरी पोस्ट को ध्यान पूर्वक पढ़े और निर्णय लें कि रवीश कुमार दुकानदारों के हित में सोच रहा है या चीन के हित की बात कर रहा है। बड़ी ही सूझबूझ के साथ भाषा के शब्द जाल में उलझा हुआ है। उसका कहना है कि चीनी सामान दुकानदारों से खरीदा जाना चाहिए और खरीदे सामान को destroy कर दें।यह मंद बुद्धि की बात है या नहीँ, चीन तो लाभ कमाता रहे । उसका तो सामान हमारी market में उपलब्ध होता रहे। इस से पूछा जाना चाहिए कि स्वदेशी सामान को फिर कौन लेगा? प्रश्न यह है कि दुकानदार क्यों चीन का माल बेचता है और देश के लघु उद्योग के विकास में योगदान क्यों नहीं देते हैं। लघु उद्योग से लाखों निर्धन परिवारों की जीविका जुड़ी हुई है। रवीश कुमार और उसकी पूरी टीम की सोच विकृत है दूसरे शब्दों में कहें तो राष्ट्र द्रोही है।
नकारात्मक सोच वाले लोगों ने स्वार्थ सिद्धि के लिए social media पर चीनी सामान के प्रचार के लिए कुछ इस प्रकार की पोस्ट डाल रहे हैं और लोगों की मनोवृत्ति ऐसी बना रहे हैं जिससे चीन के सामान की बिक्री में गिरावट न हो परन्तु इस को सरलता से समझने का प्रयास करें कि दुकानदारों ने चीन का सामान मंगवाया ही क्यों? उनमें रति भर भी राष्ट्र हित की भावना नहीं है।देश के लघु उद्योग जिससे लाखों निर्धन परिवारों की जीविका जुड़ी हुई है उन का विचार तो नहीं किया गया है।
मैं अधिकार पूर्वक कह रही हूँ कि पिछले दो तीन वर्षों से प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी देश हित व लघु उद्योग से जुड़े लोगों के हित के लिए अपने मन की बात में चर्चा करते रहे हैं। आप सभी से अनुरोध है कि राष्ट्हित को ध्यान में रखते हुए दुष्टबुद्धिवालों की पोस्ट को forward न करें और यदि भूलवश कोई आप को डाल देता है तो तुरंत ही delete कर दें।
कई लोगों का कहना है कि सरकार पर दबाव बनाया जाए कि चीन का सामान न मंगवाया जाए, Diplomatic relationship के अनुसार सरकार ऐसा नही कर सकती और हर काम के लिए सरकार को ही जिम्मेदार ठहराना बुद्धिमत्ता नहीं है, जिम्मेदार नागरिक होने के कारण हमारे भी कुछ कर्तव्य बनते हैं।
देश द्रोही राष्ट्र भक्तों से ये कुछ सवाल पूछ रहे हैं।इनके प्रश्नों की सूचि तो बहुत ही बड़ी है परन्तु प्रश्नों का स्तर अत्यन्त ही निम्न है । प्रश्न कर्ता ने स्वयं का नाम नहीं लिखा, लेकिन लगता है कि कोई मंदबुद्धि ही है।उसके प्रश्नों की झलक देखिए—
चीनी कंपनियों के CEOs को भारत बुलाकर उत्पादन करके, मेक इन इंडिया को सफल बनाने, FDI के द्वारा भारत में इन्वेस्टमेंट लाने के लिए कौन देशप्रेमी प्रयासरत है?
देशप्रेमी पार्टी की सरकार के प्रयासों से अनेक चीनी कंपनियां भारत बुलाई गई हैं ? इनके दफ्तर गुड़गांव, गुजरात, दिल्ली, नॉएडा और भारत के अन्य बड़े उद्योग और व्यापार प्रधान नगरों में स्थापित किये गए हैं। इनको NOC किस देशप्रेमी ने प्रदान की ? इनको ज़मीने, कार्यालयों हेतु दफ्तर और काम करने के परमिट और ठेके किन देशप्रेमियों ने प्रदान किये?आदि-आदि बहुत सारे बिना सिर पैर वाले प्रश्न हैं।
यह देश द्रोही दुष्टबुद्धि इतना भी नहीं समझते कि प्रधान मन्त्री नरेन्द्र मोदी जी का यह भरसक प्रयास रहता है कि अधिक से अधिक विदेशी कम्पनियाँ हमारे देश में निवेश करें जिससे देश के युवकों को नौकरियाँ मिलें और जो उत्पाद देश में तैय्यार होगा,उसपर Made in India होगा।Made in China नहीं होगा। इस प्रकार की पोस्ट डालने वालों को परामर्श है कि ज़रा पढ़ा लिखा करो और commonsense का प्रयोग भी कर लिया करो।
सर्जिकल स्ट्राइक्स को ले कर देश में एक उत्साह का वातावरण बना हुआ है जो कि स्वाभाविक ही है।उत्साह के साथ-साथ सभी देशवासियों को सतर्क रहने की भी आवश्यकता है, सतर्कता के साथ ही अपने आस- पास होने वाली संदिग्ध गतिविधियों पर भी नज़र रखने का प्रत्येक नागरिक का परम कर्तव्य और धर्म है।भारतीय सेना का अपमान करने वाले राष्ट्रद्रोहियों केजरीवाल, संजय निरूपम, दिग्विजय, चिदम्बरम और राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का अपमान करने वाले नेताओं का खुल कर विरोध करें।ये लोग आस्तीन के सांप हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी का विरोध करते – करते इन्हें पता ही नहीं चला कि ये सब कब देश के विरोधी ही नहीं, देश द्रोही बन गए हैं। इस दिशा में केजरीवाल ने तो हद ही कर दी है।काश! केजरीवाल अशिक्षित होता।अपनी शिक्षा को कलंकित न करता।इतने बड़े संवेदनशील विषय सर्जिकल स्ट्राइक्स पर राजनीति ही कर डाली। भारतीय सेना का अपमान कर के पाकिस्तानी आंतकियों की पैरवी करने वाले केजरीवाल क्यों पाकिस्तान की बोली बोल रहा है, इसे समझने का प्रयास करना अत्यंत ही आवश्यक है । केजरीवाल दिल्ली का मुख्य मंत्री क्या बना है कि सता व दौलत के लोभ ने अंधा ही बना दिया है। दिल्ली का मुख्य मंत्री बनते ही इसके तो पर ही निकल आए हैं और यह नहीं समझता कि जिस जनता ने पर लगाए हैं ,वे पर काटना भी जानती है।अपनी सीमा में रहना सीखना चाहिए।दिल्ली की जनता को तो झूठे आश्वासन दे कर विश्वासघात किया ही है, अपने समान दूसरों को भी झूठा समझना शोभा नहीं देता। देश के सैनिकों का सम्मान करें।उनके मनोबल न गिरने दें।सभी राष्ट्रवादियों का केजरीवाल के नाम संदेश है कि वे अपनी पूरी सम्पत्ति केजरीवाल के लिए sacrifice कर सकते हैं और उस जैसे स्वार्थी को वोट भी दे सकते हैं परंतु उस के मुख से सैनिकों का अपमान नहीं सहन कर सकते। हमारा प्रधानमंत्री जी से आग्रह पूर्वक अनुरोध है कि अगली बार सर्जिकल स्ट्राइक्स के दौरान केजरीवाल को हेलिकॉप्टर के आगे बांधकर ले जाया जाए ताकि वो अपनी आंखों से सर्जिकल स्ट्राइक्स को देख सके।
हम सैनिकों का सम्मान करें और अपनी सेना का मनोबल गिरने न दें। केजरीवाल से आग्रह है कि अपने मन की सोच को पवित्र रखें क्योंकि मन की सोच यदि पवित्र है तो समस्त संसार आप को पवित्र दिखाई देगा।
सभी राजनीतिक पार्टियाँ आंतरिक मत-भेद से ऊपर उठ कर बाहरी शत्रुओं का सामना करें। राजनीतिक जब तक अपने उच्च आदर्शों का पालन करती है, राजनीतिक दल जब तक राष्ट्रनीति के प्रति समर्पित रहते हैं, तभी देश का गौरव बढ़ता है, प्रजा सुरक्षित होती है और समृद्धि को प्राप्त करती है। वेद हमें आदेश देता है कि हम राष्ट्र व धर्म की रक्षा के लिए सदैव जागरूक रहें।
जय हिन्द जय भारत
राज कुकरेजा/करनाल
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