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किसान

सत्य सहज है
सत्य सहज है
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हे किसान तू जीवन दाता,

तू ही है संसार चलाता ,

तेरे पसीनें की बूँदे ,

ऊर्बरा शक्ति है खेतों की ,

अथक परिश्रम दिन अरु रात ,

लह्लहात खेतों मे धान,

हे किसान तू जीवन दाता,

तू ही है संसार चलाता ,

अमन औंस बोरों की फसलें,

हरियाली का है परिधान ,

मक्का , ज्वार, बाजरा , मूंग ,,

अरहर तिल सावां की बाली,

हे किसान तू जीवन दाता,

तू ही है संसार चलाता ,

मंद- मंद जब बहे बयार ,

रिमझिम-रिमझिम पड़े फुआर,

भादों कार्तिक की खुशहाली ,

अगहन पूस, माघ की ठंडी,

ठिठुर-ठिठुर कर करते खेती ,

हे किसान तू जीवन दाता,

तू ही है संसार चलाता ,

फागुन रंग रंगीली होली,

जौ अरु चना मटर कीखेती

हे किसान तू जीवन दाता,

तू ही है संसार चलाता ,

चैत्र मास मे गेहूँ की बाली ,

कनक -कनक सी खिल उठी लाली,

फागुन की खेल कर होली ,

रवि की किरणेहुई रंग रंगीली,

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