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नज़रिया

सत्य सहज है
सत्य सहज है
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आधुनिक युग का फैशन अजीब है ,

लिव इन रिलेशन का टेंशन नसीब है ,

मत सोचिये दोस्‍तों =

मै इस दौर से गुजर रहा हूँ,

न्यूज चैनलों पर छाई तस्वीर देखता हूँ,,,

फक्र से लोग कहतें हैं लिव इन रिलेशन ,,

बिगडतें हैं रिश्ते देतें हैं टेंशन ,

बातें बढ़ी एफ आई आर तक हुआ,

प्यार की चाहत मे बन्दा कुर्बान तक हुआ

फिर जाकर बंदे को सद्बुद्धि आई,

बुजुर्गों ने अच्छी रस्में बनाई ,,,,

नायक कहता है —

-बढाया हाथ था यारों फूल समझकर ,

भूल थी मेरी होतें काटें गुलाब मे ,
समुन्दर मे जैसे नहाया था बादल ,

दीपक की लौ ने बनाया है काजल,

नायिका कहती है=

चढ़ाते मंदिरों मे नित अहंकार नहीं है ,

शवों पर भी चढ़ाते कोई एतराज नहीं है ,

बनूँ श्रंगार केशों का नहीं इठलाना आता है ,

मै फूल हूँ सदा खुशबू बरसाना आता है ====

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