सत्य सहज है
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नाकस समझ निकाह को ,
लवजेहाद बना दिये,
भूल से उड़ते उल्लुओं को शहनशाह बना दिये ,
फाखिर, फ़ित्ना फ़िदाई बन दामन पर दाग लगा दिये,
ए मौत के सौदागर हैं , लव जेहाद बना दिये ,
मित्रों इनके कारनामों पर गौर कीजिये===
मेरे शहर मे आकर गुमराह कर रहें हैं,
ताजुब है उनकी अदा पर ,
लोग कैसे विश्वास कर रहें हैं,
जुड़ जाते हैं तार-तार जेहाद के नाम पर ,
हो जाते सरनाम लव जेहाद के नाम पर,
नौबहार बनकर खुशियों को छीनते हैं,
नक्बत के आसूओं को जेहन मे छोड़ते हैं,
उन्मादी बनकर भूल जातें हैं ,
खुदा के नेक वसूलों को ,
तवायफ की तरह बदले,
बिस्तर खुद नसीबों की,,,
नाकस समझ निकाह को,
लव जेहाद बना दिये ,
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