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तेजी से बदलते हुये राजनैतिक परिदृश्य भारतीय राजनैतिक , कूटिनीतिक छवि की जो मिशाल मोदी ने पेश किया है वह भारत के लिये गौरव की बात है / गुजरात की मीठे–खट्टे अनुभव कार्य की प्रतिबद्धता , कुछ कर गुजरने का हुनर , चाय बेचने से राजनैतिक सफर का कारनामा आसाधारण नही था ,,, किसी ने सत्य ही लिखा है= ठोकर नसीब के खाकर जो मुस्कुराये, एक रोज बढ कर जिंदगी उसको गले लगाये, ए रंज गम मुसीबत हिस्सा है जिंदगी का, गम को खुशी बनाना है काम आदमी का,,,,,,बचपन से संघ की तरफ झुकाव 1967मे 17 वर्ष की उम्र मे अहमदाबाद मे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सदस्यता ली, राजनीति मे आने पहले राष्ट्रीय स्वयं संघ के प्रचारक रहे ,,,
1990 गुजरात की सक्रिय राजनीति मे कदम रखते हुये 1995 मे भाजपा की शंकर सिंह बघेला सरकार बनी, इसी बीच सोमनाथ से अयोध्या तक लालकृष्ण आडवानी की रथ यात्रा के मुख्य सारथी सहयोगी रहे हैं, शंकर सिंह बघेला का इस्तीफा देना , केशुभाई पटेल का मुख्यमंत्री बनना अक्टोबर 2001 मे केशुभाई पटेल को हटाकर गुजरात की बागडोर भाजपा ने जुझारू नेता नारेन्द्र मोदी को मुख्यमंत्री प द की कमान उन्हें सौंप दी,,,,,,
अपनी लगन कुछ कर गुजरने का जज्बा उनके मनोबल को सतत बढ़ाता रहा , 27 जनवरी 2002 गोधरा मे खड़ी ट्रेन मे कार सेवकों को जला देना प्रतिक्रिया स्वरूप सम्पूर्ण गुजरात मे हिन्दू -मुस्लिम दंगे भड़के , न्यूयार्क टाईम्स ने इस दंगे के लिये मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया ,,मोदी ने गुजरात की दसवी विधानसभा भंग करने की संस्तुति करके राज्यपाल को अपना त्यागपत्र देदिया जिसके परिणामस्वरूप राष्ट्रपति शासन लागू हो गया , दुबारा चुनाव मे भाजपा को पूर्ण बहुमत के साथ गुजरात की कमान मोदी के नेतृत्व मे सतत चलता रहा ,,,,,
2014 लोकसभा मे भाजपा चुनाव की कमान मोदी को सौपी जाना प्रधानमंत्री प द का उम्मीदवार घोषित होना , धुआंधार प्रचार वड़ोदरा , और वाराणसी सीट से विजय श्री हासिल करना भाजपा का पूर्ण बहुमत , उनकी अभेदद्य लगन, कार्यकुशलता का नतीजा था,,, संसद का सम्मान करने का नजरिया अद्वतीय था , रंग रंग मे हिन्दुस्तान के लिये समर्पण के भाव उन्हे भारत का प्रधानमंत्री बना दिया ,,,
किसी शायर ने सत्य ही कहा है – वक्त का हर शय ग़ुलाम ,,,, वक्त बदला वक्त की नजाकत बदली अंतर्राष्ट्रीय सोच बदली ,,,, मोदी को वीजा न देने वाला देश संयुक्त राज्य आमेरिका खुद पावड़े बिछाये तहेदिल से स्वागत किया ,,,,, अमेरिका ने भारत की जनता के दिलों मे बसने वाले मोदी को सब को साथ लेकर चलने के नारे को नई दिशा दी,,,,
26 जनवरी 2015 66वें गणतंत्र दिवस के मुख्य आतिथि अमेरिकी राष्ट्रपति बाराक ओबामा की यह यात्रा कितनी अहम [खास] है भारत के प्रधानमंत्री नारेन्द्र मोदी प्रोटोकाल से हटकर एयरपोर्ट पर बाराक ओबामा की आगवानी करना गर्मजोशी से गले लगाना पड़ोसी देशों मे नई सोच की दिशा मे बढते हुये कदम के रूप मे देख रहे हैं ,,,
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गणतंत्र दिवस की खुशियों मे,
खुशहाल रहे मेरा भारत ,,
जन -जन मे नव उत्कंठा का ,
जोश जगाये नित भारत ,,,,
देश के उन शहीदों को नमन् करें
नित राज सदा ,,,,
अपना सर्वस्व निछावर कर,
प्राणों की आहुति दे डाली,,,
ऐसे देश के बंदे को राज नमन् करता भाई,,,,
खुशियों की सौगात दिया है जान लुटा कर,
इनकी रक्षा करें सदा हम जान लगा कर ,,,,
जय हिन्द , जय जवान , जय किसान
समस्त देशवासियो को 66वें गणतंत्र दिवस के पावन पर्व की आसीम शुभकामनायें,
जय हिन्द जय भारत
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