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हे आतंकवाद के सूत्रधार , मानवता के महात्राण,
आतंकवाद के नौनिहाल, पलते रहते तेरे आगार,
हे आतंकवाद के सूत्रधार ,
दर्द के साये मे निहाल,मानवता के महात्राण,
ईर्ष्या ,आतंक, नव द्वंद्वाद,कुत्सित जड़ता के नव विकार,
अशिक्षा के धरणीधर ,फुंकार तेरी रहती अजीब ,
तेरे साये मे पलते नाग, आतंकवाद के महा व्याल,
डसना है उनका काम यार, क्यों पाले हो महा व्याल,
आतंकवाद के सूत्रधार , मानवता के गुनाहगार ,
व्याल हैं विषधर अति विशाल, जर्जर सपेरा है वेहाल,
पाला था ईर्ष्या से आँगन मे ,आतंकवाद का पय पिलाय,
भूल पाक नापाक इरादे,आतंकवाद के नव दरवाजे ,
हे आतंकवाद के सूत्रधार ====
अबोध शिशु पर करें वार , ऐसे बुझदिल की क्या विसात ,
मा का गौरव वह क्या जाने, जिसने जना है यह सियार,
जिनकी नस-नस नफरत भरती, अंहकार का चढ़ा ज्वार
, ऐसे नापाक नामर्दों से धरती मे होती त्राहि- त्राहि,,,
हे आतंकवाद के सूत्रधार , तेरा कैसा है गुनाह?
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