Menu
blogid : 8018 postid : 3

‘ भारत रत्न ’ हक़दार कौन

Indian
Indian
  • 8 Posts
  • 7 Comments

वर्ष 1954 में पहली बार दिया गया ‘ भारत रत्न ’ सम्मान अब तक 42 लोगों ने प्राप्त किया है | मेरी गिनती में उनमें से 22 राजनेता 15 विद्वान व कलाकार, 2 सामाजिक कार्यकर्त्ता और 1 उद्योगपति तथा 2 विदेशी भी हैं | लेकिन चौवन वर्षों में एक भी सैन्य अधिकारी उनमें स्थान पाने के योग्य नहीं हुए | निश्चित रूप से मानेकशॉ को ‘ भारत-रत्न ’ सम्मान दिया जाना चाहिए | क्या वह एम.जी. रामचंद्रन, राजीव गाँधी, अरुणा आसफ अली, गुलजारी लाल नंदा, वी. वी. गिरि, गोपीनाथ बारदोलोई और चिदंबरम सुब्रमण्यम से कम योग्य थे ?*
*6 जुलाई 2006, हिंदुस्तान टाइम्स में करण थापर का लेख (साभार फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ –लेखक मेजर जनरल(से नि ) शुभी सूद)
यह सही है की सचिन तेंदुलकर या मेजर ध्यानचंद को ‘ भारत रत्न ’ मिलना चाहिए , किन्तु यह सोचना भी जरुरी है की इतने विशिष्ट पुरस्कार के लिये अग्रणी किसे माना जाये | क्या देश के रक्षा लिये अपना जीवन होम कर देना, छोटी बात हो सकती है ? आज तक किसी सैन्य अधिकारी को ‘ भारत रत्न ’ न मिलना भारतीय नेतृत्व की शोचनीय अवस्था को प्रमाणित करता है | यह सही है की महान व्यक्तित्व किसी पुरस्कार के मोहताज नहीं होते, किन्तु उनके कार्यों को सम्मानित करना जनता का अपना हक होता है | इस हक को देना नेतृत्व के लिये आवश्यक नहीं, बल्कि उसकी आवश्यकता होनी चाहिए | इसलिए मित्रों, इस तथ्य पर भी विचार होना बहुत जरुरी है .
जय हिंद जय भारत

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply