अंग्रेजो के आने के पहले जब हमारा देश समृद्ध था और शक्तिशाली भी जब हम लोग ज्ञान विज्ञानं में विश्व में अहम् स्थित में थे हम लोगो ने कभी भी न तो किसी देश पर आक्रमण किया न ही दुसरे लोगो का किसी भी तरह धर्मान्तरण किया.हमेश दुसरो के धर्म का आदर करा सबसे भाई चारे के साथ रहना ही हमारी संस्कृति का हिस्सा है परन्तु इसाईओं और मुसलमानों ने अपने धर्म के विस्तार के लिए जबरदस्ती हिंसा का सहारा लिया ! मुसलमानों ने धर्मान्तरण का सहारा लिया वही इसईओं ने सेवा के नाम पर धन के दम पर इस का सहारा लिया.स्वंतंत्रता के बाद भी सेकुलरिज्म के नाम पर ईसाई मिशनरीज इस काम में लगी रही और लालच दे कर आदिवाशियो,गरीबो और पिछडी जाती के लोगो को शिक्षा स्वस्थ्य का लालच देकर धन के बल पर धर्मान्तरण शुरू किया.और प्राकर्तिक आपदाओ के वक़्त भी सहायता के नाम पर धर्म परिवर्तन करते है.इसके अलावा हिन्दू धर्म और हमारे भगवान और संस्कृति के ऊपर प्रहार करते निंदा करते थे.हमारे अध्यात्मिक गुरु देश विदेश में जा कर शांति,भाईचारे के साथ भारतीय संस्कृति और धर्म का सन्देश देते रहे इसके साथ योग और आयुर्वेद के द्वारा उनके भौतिक ज़िन्दगी में बहुत रहत देने का कार्य कर रहे है जिनसे उनकी बहुत इज्ज़त होती है.परन्तु कभी भी न तो किसी धर्म के प्रति नफरत की न ही धर्मांतरण की कोशिश की.इसीलिये देश विदेश में उनके बहुत से भक्त और उनको आदर देने वाले हो गए इससे द्वेष वश बहुत से गुरुओ के खिलाफ गंभीर आरोप लगे और भारतीय मीडिया भी केवल हिन्दू संतो के बारे में आरोप लगता परन्तु कभी भी न तो मुस्लिम या ईसाई धर्मगुरूओ के बारे में बोलते या लिखते .ये भी सच है की कुछ गलत लोग इस भेष में गलत कार्य करते लेकिन इसपर सोच समझ कर बोलना चाइये !बापू आसारामजी पिछले बहुत वर्षो से अध्यात्मिक प्रवचन देते इसीके साथ ४२५ आश्रमों,१४०० समितियों द्वारा गरीबो,आदिवाशी और पिछले क्षेत्रो में भोजन पानी ,कपडे,दवा,बर्तन,वस्त्र आदि वितरण करके उनको खुश रखने के साथ उनके जीवन स्तर को ऊंचा करने के साथ धर्मान्तरण से भी बचाते है.इन मिशनरीज के गलत कार्यो को अपनी पत्रिका और प्रवचन द्वारा लोगो को बताते थे जिससे वे लोग बहुत नाराज़ थे और उनको किसी साजिस में फ़साने में प्रयत्नशील थे.उस वक़्त देश में सोनिया का राज था और इन कार्यो में वे गुप्त तरीके से मदद करती थी.चर्च के पास पैसे की कोई कमी नहीं है और पैसे से किसी को भी खरीदा जा सकता है.इसलिए बापूजी को एक रेप केस में फंसाया गया और इसकी टीवी में इंतनी बार दिखया गया की उनका मीडिया ट्रायल हो गया जिससे न्यायपालिका भी कभी कभी प्रवाहित हो जाती है.हमारे टीवी चैनल की एक आदत है की एक ही न्यूज़ को इतनी बार और कई दिनों को दिखाते की लोगो के दिमाग में बैठ जाता.कहावत है की यदि एक झूट बात को १०० बार कहा जाये तो उसपर विस्वास होने लगता है.ये टीवी चैनल वाले कभी इन लोगो के सामझिक कार्यो को नहीं दिखाते.बहुत से टीवी चैनल्स विदेशी लोगो द्वारा संचालित या इनको चर्च द्वारा पैसा मिल जाता.आतंकवादी याकूब को इन लोगो ने हीरो बना दिया और आजकल राधे माँ के ऊपर पिछले ३ दिन से दिखा रहे.ये हमारे देश में ही होता की एक न्यूज़ को इतना दिखाओ की लीगो के दिमाग में बैठ जाये.
बापू आसारामजी के देश विदेश में करोरो भक्त है और इतना उनके ऊपर हमला करने पर भी उनके भक्तो की आस्था और विश्वास में कोई कमी नहीं आई .निर्भया रेप के बाद कुछ इतने सख्त कानून बनाए गए जिसका दुर्प्रयोग होने लगा और बापूजी भी उसी के शिकार है,२ साल हो गए जमानत नहीं मिली जबकि लालू,सलमान,तीस्ता सीतलवाद के मामले में अदालते बहुत नम्र है.एक आतंकीवाद याकूब को इतना समर्थन मिला परन्तु इन्ही बुद्धिनीवियो ने बापूजी के मामले में चुप रहे क्योंकि वे ज्यादातर हिन्दू विरोधी है.हर पूर्णिमा को हजारो भक्त जोधपुर जेल जा कर उनके लिए प्राथना करते और देश विदेश में उनके लिए प्रार्थनाए होती है.लेकिन मीडिया कभी उसपर टीवी में नहीं दिखता है.उन्होंने ५० गुरुकुल खोल रक्खे है जीमे विद्यार्थियो को आधुनिक शिक्षा दी जाती परन्तु संस्कारों और मूल्यों के साथ नैतिकता का पाठ पढाया जाता.इसके अलावा १७००० बाल संस्कार केंद्र चल रहे है जहां छुटियो में बच्चो को भारतीय संस्कृति ,मूल्यों और नातिकता के साथ धर्म की शिक्षा दी जाती.जब भी प्राकर्तिक आपदा आती आश्रम की तरफ से सेवा होती है.२ साल पहले केदारनाथ की तबाही और नेपाल में भूकंप के लोगो के लिए सब तरह की सामग्री भेजी गयी और स्वयंसेवक भी गए.ये तो सोचना चाइये की यदि इसमें कुछ भी सच्चाई होती तो उनके कार्यक्रम और भक्तो में बिस्वास ख़तम हो जाता.इतिहास गवाही है की समय समय पर उच्च कोटि के लोगो को तरह तरह की कठनाई उठानी पडी कई जगह लोगो को मार डाला गया उसके बाद सच्चाई सामने आई जब बहुत देर हो गयी हमारे यहाँ कुछ मीडिया और् चैनल्स हिन्दू विरोधी है इस लिए इस खबर को बहुत बढ़ा चढ़ा कर मिर्च मसाला लगा कर दिखाई जाती.सभी हिन्दू धार्मिक संगठनों ने बापूजी के खिलाफ होने वाली नाइंसाफी के खिलाफ आवाज़ उठाई और उनको जमानत देने की मांग की.जिन लोगो ने उनके खिलाफ साजिस की वे ही लोग गवाहों को मार रहे और बापूजी बदनाम हो रहे. २ साल में भी कोई आरोप सिद्ध नहीं ओ पाए और मेडिकल में भी रैप नहीं प्रूफ हुआ उसके बाद भी जमानत नहीं मिल रही.बापूजी जेल में बंद है परन्तु हजारो जगह उनकी गुरु पूर्णिमा मनाई गयी और हजारो भक्त तो जेल में भी पहुंचे और गुरु जी के दर्शन किये.कोई बात तो ज़रूर है जी करोरो लोगो की आस्था उनके प्रति है.उन्होंने ही वैलेंटाइन डे की जगह माता पिता पूजा दिन मनवाना शुरू किया.और बहुतो की शराब,नशा,गुटका, ड्रग सेवन बंद कराया.इसके साथ योग,प्राणायाम और आयुर्वेद के द्वारा लोगो की सेवा कर रहे है जिससे लोगो को बहुत फायेदा हुआ है.आश्रम द्वारा एक पत्रिका “ऋषी प्रशाद “मासिक पत्रिका प्रकाशित होती जिसमे भारतीय संस्कृति के साथ साथ आयुर्वेद और विभिन्न आसनो के साथ आयुर्वेद और धर्म की भी चर्चा होती है जिससे लाखो लोग लाभान्वित हिते है.इस तरह बापूजी देशवाशियो की विभिन्न माध्यमो से सेवा कर रहे है और उम्मीद करते है की वे शीघ्र ही आरोपो से बरी हो कर छूट जायेंगे ये कितनी गंदी बात है की केवल हिन्दू संतो पर ही आरोप लगाए जाते और मुस्लिम्स और ईसाई बेफिक्र होकर अपने एजेंडे में कार्यरत क्योंकि उनको मालूम है की सेकुलरिज्म के नाम पर उनको कोई डर नहीं !
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