- 366 Posts
- 488 Comments
जय श्री राम
पिछले १६ दिनों से कांग्रेस की अड़ंगे की राजनीती के चलते संसद के दोनों सदनों में कोई कार्य नहीं हुआ.ये केवल सोनिआ और राहुल गांधी की वजह से हो रहा है जी नेगेटिव राजनीती कर देश का विकास रोकने की कोशिश कर रहे और अपनी लोक सभा की हार को भुला नहीं प् रहे.राहुल गांधी जो व्यान दे रहे वे हास्यात्मक के साथ मनोराजाक के साथ बेतुका है जब उन्होंने कहा किसंसाद चलने लगेगी यदि सुष्माजी ये बताये की ललित मोदी ने उनको कितना पैसा दिया.कोइ बी नागरिक जिसमे जरा भी समझ है इस व्यान की निंदा करेंगे.इस संसद बहिस्कार और धरने का मुख्या उद्देश्य देश की आर्थिक प्रगति को रोकना है जिससे मोदीजी की बदनामी हो.जिस तरह का व्यवाहार कांग्रेस के सांसद संसद के अन्दर कर रहे है उससे पूरा देश शर्मिंदा है और खास कर युवको पर बहुत गलत सन्देश जा रहा है.बदतमीजी की हद हो गयी जब लोकसभा अध्यक्ष के साथ बतमीजी की गयी सोनिया गाँधी सुष्माजी के संसद के अन्दर के व्यान को नौटंकी कहा तो क्या संसद के बाहर होने वाला प्रदर्शन नौटंकी से कम है.ज्यादातर विरोधी दल के नेता संसद में हो रही थी सीमा से आतंकवादी गुसपैठ कार्य जाने का प्रयास हो रहे है ऐसे में संसद का बहस चाहते हैं परन्तु कांग्रेस की वजह से ऐसा नहीं हो सका.कांग्रेस के नेताओ ने राहुल को समझा दिया की संसद की कार्यवाही रोकने से मोदीजी कमज़ोर हो जायेंगे तो उनको जल्दी वापस कुर्सी मिल सकती है.इस बहिस्कार का मुक्य मतलब है gst बिल को रोकना है जिससे देश में विदेशी पूंजी न आ सके.राहुल गाँधी ४ बिन्दुओ पर कार्य काके मोदीजी को कमज़ोर करने के साथ बदनाम करना चाहते.१.आर्थिक क्षेत्र २.देश को दिखाना की मोदी सरकार भ्रष्टाचारी का बचाव कर रहे है.३.ये प्रचार करना की ये सरकार बहुसंख्यक समुदाय के हित के लिए कार्य कर रही जिससे मुसलमान के वोट मिल जाए ४.देश को बताना की ये सरकार पकिस्तान से होने वाले आतंकवाद को नहीं रोक पा रही. ! ये सब बिहार चुनाव को मद्देनजर किया जा रहा जिससे लालू के भ्रष्टाचार से ध्यान हटाया जा सके.और संसद में कार्य न होने से भूमि अधिकरण बिल नहीं पास हो सकेगा जिससे विकास और नए इंडस्ट्रीज न लग सके.जिस वक़्त देश के कई हिस्सों में बाढ़ आ रही थे गुरुदास्स्पुर और उधमपुर में आतंकवादी हमले हो रहे थे और पाकिस्तान के द्वारा गोला बाली हो रही थी ऐसे में संसद का न चलना और कार्यवाही रोकना पाकिस्तान को गलत सन्देश तो जाता ये भी दर्शाता की हमारे सांसदों और खास कर सोनिया और राहुल गाँधी को देश वाशियो की कोई परवाह नहीं वे केवल अपनी राजनीती चमका रहे.सोनिया की मानसिकता है की इस देश में सिवाय गाँधी परिवार के कोई दूसरा देश का राज कर सकता है.ये तूछ राजनीती को दर्शाता है.!राज्य सभा के चेयरमैन की इतनी हिम्मत नहीं की किसी सदस्य को निलंबित कर सके.शुक्रवार को भूटान से एक प्रतिनिधिमंडल देश की सांसद की कार्य प्रणाली देखने को आया था जैसे ही चेयरमैन ने परिचय करने के बाद कहा जकी ये आपकी कार्यवाही को देखने आये सब हँसे और फिर वही हो हल्ला इससे उनलोगों पर हमारे देश के बारे में क्या भावना पैदा होगी सोचना कठिन नहीं है.!सबसे खतरनाक और निंदनीय है.व्यान तो सोनिया की तरफ से आया जिसमे नागा शांति समझौते का विरोध करते इसको मानने से इनकार किया जबकि इसकी शर्ती बताई नहीं गयी थी. और कहा की मुख्य मंत्रियो को विश्वास में नहीं लिया.नागालैंड के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर के इसपर खुशी जताई तो उनपर दवाब दाल कर ट्वीट वापिस लेने को मजबूर कर दिया .सरकार पर भी आरोप लगाया की विरोधी नेताओ से सलाह नहीं की जो बचकानी बात है क्योंकि ऐसे समझौते बता कर नहीं किये जाते ये दर्शाता है की इस परिवार को देश की सुरक्षा से कितना प्यार है.ये राष्ट्र विरोधी क्रेत्य है और इससे नागालैंड के आतंकवादी संगठनो को फैयेदा होगा.कल को अपने तुच्छ राजनीती स्वार्थ के लिए ये लोग पकिस्तान के किसी व्यान का भी समर्थन कर सकते.डॉ.सिंह का सोनिया के धरने में रहना और समर्थन करना समझ से परे है.रहुक सुष्माजी से पूँछ रहे कितना धन मिला क्या देश की जनता को बतायेगे की कितना धन इस परिवार ने लूट कर विदेश में जमा किया और कैसे सोनिया महारानी एलिज़ाबेथ से ज्यादा अमीर हो गयी.इस धरने के पीछे मोदीजी की साकार को अस्थिर करने के आर्थिक नुक्सान के साथ पाकिस्तान की मदद करना है जिसे जनता माफ़ नहीं करेगी और कांग्रेस ४४ से ४ में आ जायेगी,राहुल अपने व्यान और हरकतों से एक पहेली बन गए है. सोनिया गाँधी इन १४ दिनों में जितना बोली पिछले १४ महीने में इतना नहीं बोली.बहुत से कांग्रेस वाले भी संसद बहिस्कार के खिलाफ है लेकिन बोल नहीं सकते.क्या इसी तरह देश की राजनीती चलती की कोई गलत आरोप लगा दे और इस्तीफ़ा माग लिया जाये. व्यापम के मामले में सीबीआई जांच चल रही है.एक चनील ने बीजेपी नेताओ के मामले को १० दिन दिखाते रहे औए सिद्ध करने की कोशिश की ये नेता गलत है.मीडिया ट्रायल इस लिए ख़राब है की कोई सबूत नहीं.न्याय कहता हैकि दोनों पक्ष को सुना जाये.संसद चलने की उम्मीद कम है और इससे देश की आर्थिक प्रगति के साथ निर्वेश में डेरी होगी जिसकी पुरी ज़िम्मेदारी सोनिया राहिल पर जायेगी.देश के आधोधिक घरनो इस पर कड़ी प्रतिक्रिया करते कांग्रेस के कदम को देश की प्रगति रोकने वाला बताया और चिंता प्रगति की है. टीवी डिबेट में कांग्रेस और जद(यू) के प्रवक्ता इतना हल्ला मचाते और दुसरो को बाधित करते की डिबेट बेकार साबित होती है.
रमेश अग्रवाल , कानपुर
Read Comments