हॉल में घटित कुछ चिंतनीय घटनाएं और मीडिया का दोहरा मापदंड
भारत के अतीत की उप्
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जय श्री राम हॉल में देश में जो घटनाएं हो रही वे देश की एकता और लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी बजा रही है लेकिन उसपर बुद्दिजीवी कहलाने वाले या मीडिया के लोगोकी चुप्पी बहुत रहस्यमय,चिंतनीय और खतरनाक भी है.!देश धर्मनिरपेक्ष राज्य है लेकिन आने वाले चुनावों को देखते उत्तराखंड सरकार ने मुस्लिम सरकारी कर्मचारियो को शुक्रवार को १२-30 से 2 बजे दोपहर में छुट्टी देने का फरमान जरी किया जिससे वे नवाज़ पढ़ सके जोंकी मुस्लिम तुष्टीकरण के कारण हुआ है आसाम में कांग्रेस ने मदरसों को शुक्रवार को बंद करने का आदेश दिया था जिसे अब बदल दिया गया ये मुस्लिमो के वोट लेने के लिए घूस है परन्तु सविधान के खिलाफ है !उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा की बिना सविधान बदले मुसलमानों को विशेष अधिकार नहीं दिए हा सकते जिसे वे उन्नति कर सके !केरला में आरएसएस/बीजेपी/ विश्व हिन्दू परिषद् के लोगो को वाल दलों द्वारा मारा जाता हिंसा की जाती लेकिन मीडिया नहीं छापती .हैदराबाद के सांसद ओवासी ने कहा की मुस्लिम इलाको में जान से सरकार ने पैसा कम भेजा जिससे उन्हें तकलीफ हो !वहां बैंक नहीं खोले जाते उनके खाते नहीं खोले जाते मुस्लिम पिछड़े है वह हर बात पर मुस्लिम कार्ड खेलता और मीडिया खूब उचालती और उसे हीरो बना देती जबकि वह एक सड़क छाप नेता से कम नहीं है !ऐसे लोगो की निंदा होनी चाइये.!हैदराबाद ब्लास्ट में यासीन भटकल सहित 5 लोगो को फांसी देने पर भी ओवेसी सवाल उठा रहा !आज़म्खन उत्तर प्रदेश का मुस्लिम कदावर नेता और मंत्री है इसीने दादरी मामले में संयुक्त राष्ट्र संघ को पत्र लिख कर कहा था के देश में मुस्लिम असुरक्षित है जबकि इस सरकार के राज्य में ४०० दंगे हो सके और कैराना और कई जगहों से हिन्दुओ को पलायन करना पड़ा !ये खान साहिब अक्सर मोदीजी और राज्यपाल के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करते लेकिन मुख्यमंत्री राज्यपाल की शिख्यत पर भी कार्यवाही नहीं करते इसलिए राज्यपाल ने राष्ट्रपति को लिखा है.! आज़म खान तीन तलाक और अलीगढ विश्व विद्यलय को अल्पसंख्यक दर्ज़ा न देने का मुस्लिम कार्ड खेल चुके है!अभी उनकी एक सभा में जब लोग हल्ला मचने लगे तो अजं खान ने ऐसा करने से मना लेकिन पुब्लिक नहीं मानी तब एक मुफ्ती ने खड़े हो कर कहा की यदि आप लोग चुप नहीं होते तो मै फतवा घोषित कर दूंगा लेकिन मुख्यमंत्री ने कुछ नहीं कहा !प्रदेश में मुस्लिम तुष्टीकरण खुले आम हो रहा ! 3 दिन पहले सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल विपिन रावत को नए सेनाध्यक्ष के नाम की घोषणा की जिसका वाम दलों और कांग्रेस ने विरोध किया साथ ही मनीष तेवरी और पूनाम्वाला ने इसपर भी सम्प्रदाहिक कार्ड खेला.पूनाम्वाला ने यहाँ तक कहा की दो लोगो की वरिष्टा को नज़रंदाज़ कर के एक मुस्लिम लो बन्ने से रोकने के लिए किया गया !हमारीसेना देश की रक्षा बिना किसी भेद भाव के करती और प्राकर्तिक आपदाओं में भी जनता की सेवा करते !सर्जिकल स्ट्राइक पर भी कांग्रेस केजरीवाल सवाल उठाये थे और सामन्य प्रदेश सरकार की पुलिस की जानकारी में और उनके सहयोग से बंगाल में काम करने पर ममता ने इसे तख्ता पलट की कार्यवाही कहा था इस तरह की कार्यवाही सेना का अपमान है और उसके मनोबल को गिराने में सहायक होगा.!सरकार ने स्प्रष्ट कहा की रावत पर फैसला वर्त्तमान चुनौतियों के मद्देनज़र क्षमता और योग्यता के आधार पर लिया गया !रावत जी को उग्रवाद के खिलाफ १० साल का अनुभव है और पकिस्तान चीन सीमा पर हुए ऑपरेशन का भी अनुभव है प्रदेश में खुली सभावो में मुस्लिम कार्ड खेल कर उनसे वोटो की मांग की जाती और मुस्लिम नेता खुले आम कहते की वे बीजेपी को हराने के लिए वोट करेंगे जिससे ध्रुवीकरण होता है.अब बंगाल के ममता का हाल देखिये.प्रदेश में चित फंड,नारद ऐसे बड़े घोटाले हुए अफीम की खेती होती उसके यहाँ से पकिस्तान नकली नोट भेजता बड़ी संख्या में अवैध रूप से बंगलादेशी रहती जिन्हें राशन कार्ड और आधार कार्ड मिल गए और जो ममता के वोट बैंक है !इन लोगो को दंगे,मारपीट बम बनाने की खुली चूत है जनवरी में मालदा में 2.2 लाख मुसलमानों ने बिना इज़ाज़त जलूस निकला पुलिस चौकी जल्दी हिन्दुओ के घरो को आग लगा दी लेकिन प्रशासन चुप अभी पिछले 3 दिनों से कोलकत्ता से २५ किलोमीटर दूर धूलागड़ में मुस्लिमो द्वारा हिन्दुओ के घरो में लूटपाट और आगज़नी हो रही प्रशासन कोइ कार्यवाही नहीं करता क्योंकि वे ममता के वोट बैंक है !इसी तरह पहले मंमता सेना पर संन्य कार्यो को करने पर तख्ता पलट की संज्ञा दे चुली प्लेन लेट होने पर मोदीजी पर मरमाने का आरोप लगा चुकी और संसद थाप भी हुआ था केंद्रीय एजेंसियो के द्वारा घोटालो या अपराधो में लिप्त लोगो से पूँछतांच करने पर भी प्रधानमंत्री के खिलाफ हमला शुरू कर देती लगता है नोट बंदी से उसपर और उसके नेताओं पर बहुत असर पड़ा और वो बौखला गयी है !लेकिन जो मूर्ख बुद्दिजीवी और पत्रकार दादरी की घटनाओं पर एक महीने चिल्लाते रहे -अपनेर अवार्ड वापिस करते रहे असहिसूणता की बात कर्ट देश को विदेश में लगे ओवेसी ममता आज़म्खन और केरला में हिंसक घटनाओं पर चुप्पे क्यों साधे.यदि यही घटना गुजरात या बीजेपी शासित राज्यों में होती तो मीडिया दिन रात इसी खबर को चलाता ये दोहरा मापदंड देश और लोकतंत्र के लिए खतरनाक है लगता मीडिया भी या तो विदेशी ताकतों के हाथ खेल रहा या फिर कांग्रेस धन से.जनता सब समझ रही है और गलत लोगो को इसका उत्तर जरूर देगी.
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