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होनहार बच्चे क्या पूर्व जन्म का प्रभाव है ?

भारत के अतीत की उप्
भारत के अतीत की उप्
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जय श्री राम
पुनर जन्म सनातन संस्कृत और धर्म का अटूट अंग है जिसकी चर्चा सभी पवित्र ग्रंथो में है.गीता में भी भगवन कृष्णाजी ने इसका वर्णन किया था.कभी कभी छोटे बच्चो में जब बहुत ही अचंभित करने वाली प्रतिभा दिखाई पड़ती है तब लोग सोचने को मजबूर हो जाते है की ये पूर्व जन्मा के संस्कारों की वजह से ऐसा हो रहा है.लखनऊ के पास एक आलमबाग में एक तेज बहादुर वर्मा के २ लडकिया और १ लड़का है और तीनो की प्रतिभा देख कर दांतों टेल ऊंगली दबाने को मजबूर होना पड़ता है.बड़ी लडकी सुषमा ने ७ साल की उम्र में हाई स्कूल किया १३ साल के उम्र २०१३ में में बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय(बी बी ऐ यू )में एम्एससी में माइक्रोबायोलॉजी में विशेष प्रवाधान में दाखिला मिल गया और २०१५ में पी एच डी की प्रवेश परीक्षा में ७ वा स्थान प्राप्त किया और वह इनवायरमेंटल माइक्रोबायोलॉजी में शोध करेगी. एम्.एस सी में क्लास में फर्स्ट आयी थी.सुषमा की छोटी बहन साढ़े तीन साल की है जिसे पुरी रामायण कंठस्थ है.सुषमा का बड़ा भाई को १४ वर्ष की उम्र में लखनऊ विश्वविधालय में बीसीए कोर्से में प्रवेश लिया है..सुषमा की प्रतिभा को देखते हुए पूर्व राष्ट्रपति एस.राधाकृष्ण की नाती साभवी और उसके पति गोपाल कृष्णा नाइजीरिया में उच्च पद पर आसीन है इसको गोद लेना चाहते है जिससे उसे विश्व स्तरीय शिक्षा दिला सके और लडकी के पिता को भी कोई आपत्ति नहीं है.इस तरह इस परिवार के सभी बच्चे बहुत ही हिन्हार है जो इस्वरीय चमत्कार के साथ पुनर्जन्म की धारना को भी सवित करते है.
रमेश अग्रवाल ,कानपुर rameshmaya2007 @rediffmail .com

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