Menu
blogid : 6000 postid : 1304002

पारद शिवलिंग एवं वेदविज्ञान

वेद विज्ञान
वेद विज्ञान
  • 497 Posts
  • 662 Comments

ऋद्धि-सीद्धि पारद

पारद शिवलिंग
पारद शिवलिंग का वर्णन पुराणों में तो आया ही है. किन्तु इसका विविध प्रयोग जिन प्राचीन रस रसायनज्ञ ऋषियों एवं आचार्यों द्वारा किया गया उससे इसकी विलक्षण शक्ति अवतरित हुई. आयुर्वेद में वर्णित विधान शुक्राचार्य के परम शिष्य महीसुत के कथन का ही विधान है.
इसका निर्माण व्यक्ति के स्वभाव, प्रकृति, प्रवृत्ति, ग्रहों की स्थिति एवं रस धातु की प्रबलता को ध्यान में रखते हुए किया जाता है. और तभी इसका सबल एवं पूरा परिणाम प्राप्त होता है. संलग्न चित्र में प्रसिद्ध रसायनाचार्य शक्रवल्लभ का कथन देखें–
“चत्वारग्निSन्धवल्लिषडशत वसोनेत्रखेटाश्च वेदाः —–“
१-चत्वार – अर्थात चार भाग
२-अग्नि- अर्थात तीन भाग
३-अन्धक- अर्थात 16 भाग
४-वल्लि- अर्थात 7 भाग
५-षड- अर्थात 6 भाग
६-शत- अर्थात 6 का 100वाँ भाग
७-वसो- अर्थात 11 भाग
८-नेत्र-अर्थात 2 भाग
९-खेटा-अर्थात 9 भाग -मतान्तर से खेटा के स्थान पर नक्षत्रों को ग्रहण कर इसकी संख्या 27 ली जाती है.
१०-वेदाः- अर्थात 4 भाग
ये धातु तथा मिश्रण के दश प्रकार या भाग हैं. इन्हीं दशों से दशगात्र बनकर तैयार किया जाता है. ये दश गात्र ही पाँच कर्मेन्द्रिय तथा पाँच ज्ञानेन्द्रिय हैं. इनके परस्पर समानुपातिक मिश्रण से जीव स्वरुप लिंग बनकर तैयार होता है. और अंत में मन्त्रों के द्वारा इसमें ग्यारहवाँ अंश मन या जीव स्वरुप की स्थापना कर दी जाती है. और यह लिंग सक्रिय हो जाता है.
यह शास्त्र सम्मत तथा तार्किक विधान है. जिसका अनेक या लगभग सभी आचार्यों एवं ऋषियों ने एक मत से अनुकरण किया है.
सम्प्रति प्रचलित अनेक विधान या तो अनभिज्ञता से भरे हैं. या किसी एक विधान को ही सबके लिये लागू मानकर चलने वाले नकलची हैं. जिसका कोई सिद्धांत, मापदण्ड या नियम नहीं है.
ऊपर बताया गया मापदंड रसों एवं धातुओं की गुरुता एवं काठिन्य पर निर्भर है. अर्थात जिसका काठिन्य मिलाये जाने वाले रसों में सबसे ज्यादा होगा उसका मिश्रण अनुपात सबसे कम होगा अर्थात उसका अनुपात नेत्र अर्थात 2 होगा. और जिसका सबसे कम होगा उसका अनुपात सबसे ज्यादा अर्थात वसो-11 भाग होगा.
हमारे द्वारा निर्मित पारद शिवलिंग जो सबसे कम कीमत का पड़ता है वह 100 रुपये प्रति ग्राम का होता है. पारिश्रमिक छोड़ कर. इसके उपरांत इसमें ज्यों ज्यों महँगी धातुओं का मिश्रण किया जाएगा, उसकी कीमत बढती चली जाती है.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply