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माँ का अपमान करनेवाले कुपूतो ! जरा संजीदगी से सोचो तो …..

अनथक
अनथक
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maaमाँ की महत्ता इतनी बड़ी है कि उसका वर्णन शब्दों में नहीं किया जा सकता | वह सृष्टिदायिनी है | वही पहली बार हमारे स्कूल की शुरुआत घर में ही करती है | हमारे जीवन की सबसे पहली और प्यारी शिक्षक होती है। वह हमें जीवन का सच्चा दर्शन और व्यवहार करने का तरीका सिखाती है। इस दुनिया में हमारे जीवन के शुरु होते ही वह हमें प्यार करती है और हमारा ध्यान देती है , अर्थात उसकी कोख में आने से उसके जीवन तक। बहुत दुख और पीड़ा सहकर वह हमें जन्म देती है लेकिन इसके बदले में वह हमेशा हमें प्यार देती है। इस दुनिया में कोई भी ऐसा प्यार नहीं है जो बहुत मजबूत, हमेशा के लिये निस्वार्थ हो, शुद्ध और समर्पित हो। वह हमारे जीवन में अंधकार दूर करके रोशनी भरती है। दरहकीकत उसकी महत्ता के आगे सारे जग की सर्वसंपन्न, सर्वमांगल्य, सारी शुचिता फीकी पड़ जाती है | वेद के अनुसार READ MORE

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