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वो सुकून शायद फिर न मिलें

Think Beyond limits
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उस वक्त मैंने जागरण का आई नेक्स्ट ज्वाइन ही किया था. जब कृति ने सिटी के लोकल न्यूज पेपर के साथ पत्रकारिता शुरू की थी. अक्सर फील्ड में डायरी और कलम के साथ ढीली चाल में चलने वाली कृति औरों से थोड़ी अलग थी. जब भी मुझे वो फील्ड में दिखती तो बाकी न्यू कमर रिपोटर्स के साथ खूब हंसती, लेकिन उसकी हंसी में एक अलग सी कसक थी. मानों की वो कुछ ढूंढ रही हो. लगभग 6 महीनों तक मैं उसे आते जाते अधिकारियों के आगे कलम लेकर बैठे देखती रही. एक दिन मैंने उससे मुलाकात कर ही ली. बस फिर क्या था, हम दोनों में एक सोच का रिश्ता कायम हो गया. अब जब भी कृति ऑफिस या किसी पर्सनल परेशानी में होती तो मुझे याद करती. फिर एक दिन कॉफी को चम्मच से पीते हुए,उसने कहा कि रश्मि दी मुझे वो सुकून शायद कभी महसूस नहीं होगा. उसके इन शब्दों ने मुझे एक बार फिर उसकी हंसी में छिपे एक सुनेपन की ओर खींच दिया. मैं अभी उसे पूछने के लिए शब्द ही जुटा रही थी. कि कृति एक टक कॉफी मग की तरफ देखकर बोली ,हम साथ मैं काफी खुश दे, दूसरे शब्दों में कहूं तो एक दूसरे के पूरक थे. उसके पास बैठक हाथ पकड़कर मैं जब भी अपनी परेशानी कहती तो उसका एक जवाब …..सब ठीक हो जाएगा…. जैसे जादू की छड़ी की तरह मेरी सारी परेशानियां दूर कर देता. लेकिन अब वो मेरे साथ नहीं है. उसकी याद के ज्यादा मुझे उस सुकून की याद आती है. जो उसकी धीमी आवाज में पिरोये हुए कुछ शब्दों में मिलता था. ऐसा सुकून भरा प्रेम मुझे अब कब मिलेगी? बस इतना कहकर उसने कॉफी मग से नजरों की जुगलबंदी तोड़ी और भरी हुए आंखों से मुझे देखा. कुछ समय के लिए मैं सन्न रह गई. शायद मेरे दिल और दिमाग के बीच उसे सही राय देने की जंग चल रही थी. इतने में उसने अपने आंसू पोछे, और सॉरी दीदी कहकर चल दी. मैं रात भर सोचती रही की, की वो आंसू उसकी आत्मा से निकले थे. वो सुकून उसकी आत्मा से जुड़ा था, जिसे प्रेम कहते है. लेकिन अगर वो उसे खो चुकी है. तो उसे कैसे पाया जाए. दिल कह रहा था कि उसे उस व्यक्ति के साथ नदी का दूसरा किनारा बन चलना चाहिए. जिसका भले ही मिलन नहीं लेकिन साथ हो. लेकिन दिमाग ने कहा ये रास्ता उसके भविष्य को जिंदगी भर उलझन दे जाएगा. उसे कुछ देर खुद को समय देना चाहिए, और एक सही साथी की तलाश करनी चाहीए जिसके साथ उसके आत्मा का सुख जुड़ा हो…. अब आप लोग सोच रहे होंगे की इस पर ब्लॉग भी क्या लिखना था. लेकिन मैं इस बार कोई विषय पर चर्चा नहीं बल्कि उस लड़की के सही सुकून को तलाशने में आप लोगों से राय चाहती हूं.

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