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प्रिय पापा,
फादर्स डे के मौके पर इस पत्र के द्वारा मैं अपने दिल की बातें आपसे कहना चाहती हूँ.
जब भी मैं किसी परेशानी में होती हूँ, बीमार होती हूँ या जब भी मुझे आपकी जरुरत महसूस होती है पता नहीं आपको कैसे पता चल जाता है और आपका फ़ोन आ जाता है. शायद यही पिता का प्यार होता है. बचपन से लेकर आज तक मैं कभी समझ ही नहीं पाई कि आपको मेरी हर जरुरत हर बात का पता मेरे बिना बोले ही कैसे चल जाता है.
पता है पापा आपने मेरे पांचवे जन्मदिन पर जो कार्ड मुझे भेजा था वह मैंने आज तक संभल कर रखा है. मैं अपने हर जन्मदिन पर उस कार्ड को देखती हूँ. कार्ड को देखते ही मुझे ऐसा लगता है जैसे मैं वापस छोटी हो गयी हूँ और दौड़ के आपकी गोदी में चढ़ गयी हूँ.
कभी कभी कुछ परिस्तिथियाँ ऐसी भी आई कि जब मुझे लगा कि आपको हमारी बिलकुल भी परवाह नहीं है, पर मैं गलत थी. आज मैं आपकी हालत आपकी स्थिति को समझ पाई हूँ. हो सकता है मैंने अपनी नासमझी में कभी आपका दिल दुखाया हो तो मैं दिल से आपसे उन सब बातों के लिए माफ़ी मांगती हूँ.
पापा मैं आपको कभी दुखी नहीं देख सकती. आप जब भी किसी बात को लेकर परेशान होते हैं, मुझे हर पल ये लगता रहता है कि मैं कैसे आपकी तकलीफ दूर करूँ. आपने हमारी इतनी अच्छी तरह से परवरिश की, हमारी खुशियों का ख्याल रखा, हमारे हर सपने पूरे करने की कोशिश की. आपने हमें कभी किसी बात की कमी का एहसास नहीं होने दिया.
पापा हम आपके प्यार का कर्ज कभी नहीं उतार सकते….
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